
लोकसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चल रही विशेष चर्चा के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और सांसद अखिलेश यादव ने चीन और पाकिस्तान को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भारत को जितना खतरा पाकिस्तान से नहीं, उससे कहीं अधिक चीन से है।
“पाकिस्तान से खतरा, लेकिन चीन है असली राक्षस”
अखिलेश यादव ने कहा, “अगर हमें पाकिस्तान से खतरा है, तो चीन राक्षस है। वह न केवल हमारी जमीन हड़प रहा है, बल्कि हमारे बाजार और आत्मनिर्भरता को भी खत्म करने पर तुला है।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने चीन के बढ़ते प्रभाव पर लगाम नहीं लगाई, तो देश की सुरक्षा और आर्थिक संप्रभुता दोनों खतरे में पड़ सकती हैं।
चीन के खिलाफ व्यापारिक मोर्चा खोलने की मांग
सपा प्रमुख ने सदन में मांग रखी कि भारत को चीन और पाकिस्तान से कारोबार धीरे-धीरे कम करने की नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि “हम तभी आत्मनिर्भर भारत बना पाएंगे जब चीन पर हमारी व्यापारिक निर्भरता कम होगी। इसके लिए 10-15 साल की रणनीति बनाकर सख्त फैसले लेने होंगे।”
सरकार से पूछे सवाल: क्या हम चीन से बेहतर सीमा पर निर्माण कर रहे हैं?
अखिलेश यादव ने सरकार से सवाल किया कि क्या भारत, चीन की तुलना में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर सीमा पर तैयार कर रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि “देश को जवाब चाहिए कि जब चीन लगातार घुसपैठ कर रहा है, तो हमारी सीमाएं कितनी सुरक्षित हैं।”

डिफेंस बजट बढ़ाने की भी उठाई मांग
सपा प्रमुख ने केंद्र सरकार से डिफेंस बजट को जीडीपी का कम से कम 3 प्रतिशत करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जब चीन और पाकिस्तान दोनों तरफ से चुनौती है, तब सेना को मजबूत करने के लिए अधिक संसाधनों की आवश्यकता है।
‘ऑपरेशन महादेव’ और अग्निवीर योजना पर भी उठे सवाल
अखिलेश यादव ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत पहलगाम में हुए आतंकवादी एनकाउंटर की टाइमिंग पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि “यह ऑपरेशन ठीक 28 जुलाई को ही क्यों हुआ?”
इसके साथ ही उन्होंने अग्निवीर योजना पर भी केंद्र को घेरा और कहा कि इतनी महत्वपूर्ण बहस के बीच सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या वह युवाओं के विरोध के बावजूद इस योजना को जारी रखेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस योजना को वापस लेगी, जिससे सेना में स्थायी और समर्पित भर्तियों का रास्ता साफ हो।
सख्त लहजे में दी चेतावनी
अखिलेश यादव का यह बयान चीन और पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने की एक बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि सिर्फ भाषणों से देश नहीं बचेगा, अब ठोस फैसले लेने की जरूरत है।

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