
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार को मतदान जारी है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने मतदाताओं से खुलकर अपील की है। मीडिया से बातचीत के दौरान, उन्होंने सभी मतदाता भाइयों और बहनों से अपने सबसे महत्वपूर्ण अधिकार यानी मतदान के अधिकार का प्रयोग करने का आग्रह किया।
भविष्य के नेतृत्व को चुनें (Choose the Future Leadership)
चिराग पासवान ने मतदाताओं से एक अत्यंत महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा, “आप जिस पर विश्वास करते हैं, जिस पर आपको भरोसा है कि वह आपके भविष्य के लिए सही नेतृत्व प्रदान करेगा, उसे वोट दें।” यह अपील मतदाताओं को किसी पार्टी या गठबंधन की सीमाओं से परे जाकर, बिहार के विकास और भविष्य को ध्यान में रखते हुए मतदान करने के लिए प्रेरित करती है।
रिकॉर्ड मतदान का आह्वान
चिराग पासवान ने पहले चरण में रिकॉर्ड मतदान होने की इच्छा व्यक्त की और स्वयं भी मतदान करने जाने की बात कही। उन्होंने एक मीडिया पोस्ट में भी विनम्र अपील करते हुए कहा कि “आपका मत, बिहार के विकास और सशक्त लोकतंत्र की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” यह बयान लोकतंत्र में हर एक वोट की शक्ति पर जोर देता है।
राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ बयान पर तीखी प्रतिक्रिया (Sharp Reaction to Rahul Gandhi’s ‘Vote Theft’ Statement)
चिराग पासवान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हरियाणा चुनाव को लेकर बुधवार को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस और उनके ‘वोट चोरी’ वाले बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों की सत्यता पर सवाल उठाया और उन्हें सबूत पेश करने की चुनौती दी।
संभावना पर सवाल: चिराग ने पूछा कि राहुल गांधी यह भी बताएं कि जो आरोप वह लगा रहे हैं, क्या वह संभव है? उन्होंने विशेष रूप से पूछा कि “क्या यह संभव है कि एक व्यक्ति शारीरिक रूप से 22 जगहों पर जाकर मतदान करे?” इस प्रश्न के माध्यम से उन्होंने आरोपों को आधारहीन बताने की कोशिश की।
कोर्ट जाने की सलाह
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जो आरोप लगाते हैं, वे कोर्ट का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाते? चिराग ने जोर देकर कहा कि विसंगतियों की शिकायतें करना सरकार की नहीं, बल्कि शिकायतकर्ता की जिम्मेदारी है।
एसआईआर पर आपत्ति
चिराग पासवान ने यह भी उल्लेख किया कि जब मतदान में विसंगतियों की शिकायतें होती हैं तो चुनाव आयोग एसआईआर (Special Summary Revision) लाता है, लेकिन विपक्ष को उससे भी समस्या है। उन्होंने सलाह दी कि “अगर उन्हें अपने पास मौजूद जानकारी पर इतना भरोसा है तो उन्हें अदालत का दरवाजा खटखटाना चाहिए।” यह बयान विपक्ष को चुनावी प्रक्रिया पर लगातार संदेह व्यक्त करने के बजाय कानूनी रास्ता अपनाने की चुनौती देता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो चिराग पासवान का बयान दो मुख्य बिंदुओं पर केंद्रित रहा: मतदाताओं को जिम्मेदारी से वोट करने के लिए प्रोत्साहित करना और विपक्ष के आरोपों को निराधार बताकर कानूनी कार्रवाई करने की चुनौती देना।

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