
मध्य प्रदेश की सियासत में एक बार फिर हिंदुत्व को लेकर तीखी बहस छिड़ गई है। कांग्रेस नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हमलावर हो गई है। खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि “हिंदुत्व पर सवाल उठाने वालों को जनता माफ नहीं करेगी।”
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस और उसके नेताओं पर हिंदुत्व विरोधी मानसिकता रखने का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस हमेशा हिंदू और हिंदुत्व के विरोध में काम करती है। राहुल गांधी ने हिंदू को लेकर जो बात कही थी, वह अत्यंत बचकानापन था। मणिशंकर अय्यर ने भी इसी बात को अलग तरीके से कहा था। इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अब हमारे यहां नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार कह रहे हैं कि आदिवासी हिंदू नहीं हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि “हिंदुत्व पर प्रश्न उठाने वालों को देश की जनता कभी माफ नहीं करेगी।” उन्होंने कांग्रेस नेताओं से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की भी मांग की और कहा कि यही वजह है कि कांग्रेस की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता उमंग सिंघार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कहते नजर आ रहे हैं, “मैं गर्व से कहता हूं कि हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं हैं।” उनके इस बयान के बाद भाजपा ने इसे हिंदू विरोधी करार देते हुए कांग्रेस पर आदिवासी समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद भी इस मुद्दे पर खुलकर सामने आ गए हैं।
भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल ने उमंग सिंघार के बयान की निंदा करते हुए कहा, “जनजातीय समाज भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा है। हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं और पूजा-पद्धति सदियों से हिंदू धर्म से जुड़ी हैं। उमंग सिंघार इस तरह के बयान देकर कांग्रेस की घटिया राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन आदिवासी समाज अब इनकी हकीकत पहचान चुका है।”
वहीं, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “जनजातीय समाज को हिंदू समाज से अलग बताना न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत है, बल्कि समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास है। उमंग सिंघार को अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले समय में और गहराने वाला है, खासकर मध्य प्रदेश जैसे राज्य में जहां आदिवासी मतदाता बड़ी संख्या में मौजूद हैं।
भाजपा इस मुद्दे को आदिवासी अस्मिता और हिंदुत्व के अपमान के रूप में प्रस्तुत कर रही है, जबकि कांग्रेस की ओर से अभी तक इस पर कोई औपचारिक सफाई नहीं आई है।
हालांकि, कांग्रेस के कुछ अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि उमंग सिंघार का बयान सांस्कृतिक पहचान के संदर्भ में था, न कि धर्म विरोधी भावना से प्रेरित। लेकिन भाजपा ने इसे कांग्रेस के हिंदू विरोधी रवैये के ताजा प्रमाण के रूप में पेश किया है।
राजनीतिक दृष्टि से देखें तो यह मुद्दा भाजपा के लिए आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस को घेरने का एक मौका बन सकता है। खुद सीएम मोहन यादव का आक्रामक रुख इस बात का संकेत है कि भाजपा इस मुद्दे को आगे तक ले जाने के मूड में है।
हिंदुत्व और आदिवासी पहचान को लेकर छिड़ा यह नया विवाद मध्य प्रदेश की राजनीति में नया मोड़ ला सकता है। आने वाले दिनों में इस बयान के प्रभाव और प्रतिक्रियाओं पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। कांग्रेस की प्रतिक्रिया और स्थिति स्पष्ट करने की दिशा में उठाए गए कदम इस विवाद को शांत करेंगे या और भड़काएंगे — यह देखने वाली बात होगी।

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