
बिहार में लगातार हो रही बारिश और नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को पटेल भवन पहुंचे और गृह विभाग व आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को हर हाल में एसओपी के अनुरूप अलर्ट रहने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि यह केंद्र राज्यवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायता तंत्र के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह केंद्र 24 घंटे काम करता है और इसके माध्यम से आपदा प्रबंधन के सभी पहलुओं की समुचित निगरानी हो रही है।
जलस्तर पर नजर, राहत के निर्देश
निरीक्षण के दौरान विकास आयुक्त और आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने राज्य में वर्षा और नदियों की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटों में राज्य के 222 प्रखंडों में 25 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

गंगा, कोसी और बूढ़ी गंडक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और कुछ स्थानों पर यह खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। हालांकि स्थिति अभी नियंत्रण में है और सतत निगरानी की जा रही है।
किसानों के लिए राहत, फसल आच्छादन में बढ़ोतरी
राज्य में हो रही बारिश का असर कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक दिख रहा है। प्रत्यय अमृत ने बताया कि इस वर्ष तीन अगस्त तक धान की फसल का आच्छादन 79.43 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 67.38 प्रतिशत था। इससे संकेत मिलता है कि रोपनी का कार्य अच्छी गति से हो रहा है और किसान संतुष्ट हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि अच्छी वर्षा से भूजल स्तर में भी सुधार हुआ है और इसका लाभ किसानों को मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तत्परता और समन्वय जरूरी है।
प्रशासन को तैयार रहने का निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि सभी तटबंधों, बाढ़ नियंत्रण योजनाओं और राहत शिविरों की तैयारी एसओपी के अनुसार पूर्ण रखी जाए।
निरीक्षण के दौरान पुलिस महानिदेशक विनय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, सचिव अनुपम कुमार, आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. चन्द्रशेखर सिंह, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
राजनीतिक संदेश भी स्पष्ट
मुख्यमंत्री का यह दौरा न केवल प्रशासनिक सक्रियता दिखाने का प्रतीक है, बल्कि यह राजनीतिक तौर पर सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता का संकेत भी देता है। बाढ़ और आपदा जैसे मुद्दे बिहार की राजनीति में हमेशा महत्वपूर्ण रहे हैं और इस निरीक्षण के माध्यम से नीतीश कुमार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि सरकार लोगों के हितों के प्रति सजग और सक्रिय है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह निरीक्षण बाढ़ प्रबंधन के लिहाज से एक रणनीतिक और राजनीतिक रूप से अहम कदम है। आने वाले दिनों में अगर जलस्तर और बढ़ता है तो प्रशासन की तैयारी और सरकार की तत्परता की असली परीक्षा होगी।

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