
देहरादून उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में हुए ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद पर कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि देवभूमि उत्तराखंड में अशांति और अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस घटना को त्योहारों और धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान गड़बड़ी पैदा करने की जानबूझकर की गई साजिश बताया और चेतावनी दी कि दंगाइयों को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने इस साजिश के पीछे उन शक्तियों का हाथ बताया जो भारत को मजबूत होते नहीं देख सकतीं। उन्होंने आरोप लगाया कि “ये वही ताकतें हैं जो एक भारत, श्रेष्ठ भारत का समर्थन नहीं करती हैं और तुष्टीकरण की राजनीति पर आश्रित हैं।” धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश जिस ‘विकसित भारत’ के संकल्प की ओर बढ़ रहा है, उस विकास को जो लोग पचा नहीं पा रहे हैं, वे लगातार समाज में अशांति और दंगा करवाने का प्रयास कर रहे हैं।
धार्मिक उन्माद बर्दाश्त नहीं, होगी सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री धामी ने धार्मिक भावनाओं को प्रदर्शित करने के तरीके पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अगर आप किसी से जुड़े हैं तो आपको उनके नाम की तख्ती लेकर घूमने का अधिकार किसने दिया?” उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी के प्रति सच्चा प्यार और सम्मान तभी दिखता है जब वह व्यवहार में झलकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि इसका मतलब यह नहीं है कि वह प्यार और सम्मान उन्माद, कट्टरता और दंगे के रूप में दिखे।
मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड गंगा, यमुना और चार धामों का प्रदेश है, और इस तरह की अराजकता यहां बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “चाहे वह सरकारी संपत्ति हो या निजी संपत्ति, दंगाई कोई भी हो, उसे इसकी कीमत चुकानी होगी और यह बहुत सख्ती से किया जाएगा।” यह बयान स्पष्ट करता है कि राज्य सरकार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही संपत्ति के नुकसान की भरपाई दंगाइयों से कराने की नीति पर आगे बढ़ सकती है।

पेपर लीक मामले पर छात्रों को दिया सीबीआई जांच का भरोसा
एक अलग घटनाक्रम में, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देहरादून के परेड ग्राउंड में धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों से मुलाकात की। ये छात्र उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएसटी) के पेपर लीक मामले में सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर कई दिनों से आंदोलन कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वह उनकी तकलीफ समझ सकते हैं और प्रदर्शन के दौरान उन्हें एक-एक दिन भारी लग रहा था।
गर्मी में आंदोलन करने की कठिनाई को महसूस करते हुए मुख्यमंत्री खुद छात्रों के बीच पहुँचे। उन्होंने छात्रों से कहा कि अगर उनके मन में किसी तरह का संदेश है तो उसे निश्चित तौर पर दूर किया जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने छात्रों को पेपर लीक मामले में सीबीआई से जांच कराने का भरोसा दिया, जिसके बाद छात्रों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।

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