
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में आयोजित अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए जनप्रतिनिधियों को एक सशक्त संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हर जनप्रतिनिधि का सबसे पहला कर्तव्य राष्ट्र और जनता के हित में कार्य करना होना चाहिए, न कि केवल राजनीतिक स्वार्थों को पूरा करना।
लोकतंत्र की गरिमा को सशक्त करें
सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि भारत के लोकतंत्र की नींव त्याग और संघर्ष पर टिकी है। उन्होंने कहा, “आज जब हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र में संविधान और लोकतांत्रिक संस्थाओं के अंतर्गत कार्य करने का अवसर मिला है, तो यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस आजादी की गरिमा को और सशक्त करें।” उन्होंने जोर दिया कि लोकतंत्र में विचारों की विविधता जरूरी है, लेकिन राष्ट्रीय हित और जनकल्याण के मुद्दों पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब बात देश की हो, तो हम सभी को एक सुर में बोलना चाहिए।”
महिला स्पीकर्स की भागीदारी को बताया प्रेरणादायक
मुख्यमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का गर्मजोशी से स्वागत किया और सम्मेलन में देशभर से आए स्पीकर्स और डिप्टी स्पीकर्स की भागीदारी को लोकतंत्र की मजबूती के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने विशेष रूप से महिला स्पीकर्स और डिप्टी स्पीकर्स की भागीदारी की सराहना की और इसे प्रेरणादायक बताया। यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि
रेखा गुप्ता ने भारत की पहली केंद्रीय विधायिका की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने को देश के लोकतांत्रिक सफर की असली शुरुआत बताया। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका बलिदान हमें आजादी का मूल्य याद दिलाता है। उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी विट्ठलभाई पटेल का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी लोकतांत्रिक आदर्शों और संसदीय मर्यादा का पालन किया, जिससे आज के जनप्रतिनिधियों को सीख लेनी चाहिए।
‘जनता की आकांक्षाएं ही राष्ट्रीय धर्म’
मुख्यमंत्री ने भारत की आजादी की 100वीं वर्षगांठ (2047) की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह समय नव संकल्प और ऊर्जा का है। उन्होंने कहा, “जनता की आकांक्षाओं को पूरा करना ही सबसे बड़ा राष्ट्रीय धर्म है।” उन्होंने प्रत्येक जनप्रतिनिधि को यह याद रखने की सलाह दी कि उनका कर्तव्य सबसे पहले राष्ट्र के प्रति है, फिर पार्टी और अंत में स्वयं के लिए।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता का यह संबोधन एक ऐसे समय में आया है जब राजनीतिक मतभेद लगातार बढ़ रहे हैं। उनका यह संदेश जनप्रतिनिधियों को उनके मूल कर्तव्यों की याद दिलाता है और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित करता है।

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