
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में आयोजित एक विशेष प्रेस वार्ता में 22 सितंबर से लागू होने जा रहे नए जीएसटी दरों को लेकर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार जताते हुए कहा कि यह निर्णय देशवासियों के लिए दीपावली से पहले एक बड़ा तोहफा है। मुख्यमंत्री ने इसे महंगाई से राहत, व्यापार को गति और रोजगार सृजन की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया।
टैक्स सुधारों का व्यापक असर
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री द्वारा की गई टैक्स रिफॉर्म की घोषणा के महज 20 दिनों के भीतर जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसले लागू होने जा रहे हैं। यह दर्शाता है कि सरकार न केवल दूरदृष्टि रखती है, बल्कि उसे अमल में लाने की गति भी रखती है।
जटिल कर प्रणाली से मुक्ति
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि 2017 से पहले देश में वैट, सेवा कर, उत्पाद शुल्क, एंट्री टैक्स और मनोरंजन कर जैसे कई जटिल कर थे, जो उपभोक्ताओं और कारोबारियों के लिए परेशानी का कारण बनते थे। जीएसटी ने इन सभी को समाहित कर ‘वन नेशन, वन टैक्स’ की व्यवस्था दी। अब इस प्रणाली में सबसे बड़ा सुधार किया गया है, जिसमें चार टैक्स स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) को घटाकर केवल दो स्लैब (5% और 18%) कर दिया गया है। विलासिता की वस्तुओं पर 40% टैक्स यथावत रहेगा
घरेलू उपभोक्ताओं को राहत
मुख्यमंत्री ने बताया कि दूध, दही, पनीर, शैम्पू, टूथपेस्ट, साबुन, साइकिल और बच्चों के सामान पर अब केवल 5% या शून्य टैक्स लगेगा। इससे आम परिवारों के घरेलू खर्चों में सीधी राहत मिलेगी और उपभोक्ता की क्रय शक्ति बढ़ेगी। जब खपत बढ़ेगी, तो उत्पादन भी बढ़ेगा, जिससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी3।
किसानों और ग्रामीण भारत को मिलेगा लाभ
कृषि क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए ट्रैक्टर, टायर, कीटनाशक और सिंचाई उपकरणों पर टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे खेती की लागत घटेगी और उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने इसे ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने वाला कदम बताया।
स्वास्थ्य और बीमा सेवाएं होंगी सस्ती
व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। दवाइयों, ऑक्सीजन और जांच किट पर भी टैक्स में कटौती की गई है। इससे इलाज सस्ता होगा और आम नागरिक को राहत मिलेगी। वाहन खरीद पर भी राहत दी गई है—कार और बाइक पर पहले 28% जीएसटी लगता था, अब इसे घटाकर 18% कर दिया गया है3।
शिक्षा क्षेत्र को भी राहत
नोटबुक, पेंसिल और अन्य शिक्षण सामग्री पर टैक्स पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह छात्रों और अभिभावकों के लिए बड़ी राहत है। वहीं तंबाकू और पान मसाला जैसे उत्पादों पर टैक्स दर बढ़ाकर 40% कर दी गई है, जिससे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक वस्तुओं पर नियंत्रण संभव होगा।
व्यापार में पारदर्शिता और सरलता
मुख्यमंत्री ने बताया कि व्यापार में आसानी के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन अब ऑटो-अप्रूव होगा। टैक्स रिफंड की प्रक्रिया तेज की गई है और रिस्क-आधारित कंप्लायंस लागू किया गया है। जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स संग्रह 7 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 22.8 लाख करोड़ रुपये हो गया है। टैक्स पेयर्स की संख्या भी 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ हो गई है।
इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांतिकारी बदलाव
पिछले एक दशक में टैक्स संग्रह की वृद्धि से देश के हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट और रक्षा उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। एयरपोर्ट की संख्या 74 से बढ़कर 160 हो गई है, मेट्रो नेटवर्क 248 किमी से बढ़कर 1,013 किमी हो गया है, और वंदे भारत ट्रेनों की संख्या 144 तक पहुंच गई है। रक्षा उत्पादन 46,000 करोड़ से बढ़कर 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
गरीब कल्याणकारी योजनाओं को मिला बल
मुख्यमंत्री ने बताया कि टैक्स सुधारों का लाभ गरीब कल्याणकारी योजनाओं में भी स्पष्ट रूप से दिखता है। डीबीटी के माध्यम से 6.83 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों तक पहुंच रहे हैं। 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना से 4 करोड़ परिवारों को घर मिले हैं और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है।
उत्तर प्रदेश को मिलेगा सबसे बड़ा लाभ
देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार होने के नाते उत्तर प्रदेश को जीएसटी सुधारों का सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले यूपी में वैट और सेल टैक्स से केवल 49,000 करोड़ रुपये का राजस्व आता था, जो अब बढ़कर 1.15 लाख करोड़ रुपये हो गया है। एक्सप्रेसवे, मेट्रो और एयरपोर्ट नेटवर्क का विस्तार भी टैक्स सुधारों से संभव हुआ है।
परंपरागत उद्योगों को मिलेगा प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी के पिपरमेंट, फुटवियर, रेडीमेड वस्त्र और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) उद्योगों को विशेष लाभ मिलेगा। सिंथेटिक मेंथॉल पर 18% और ऑर्गेनिक मेंथॉल पर केवल 5% टैक्स लगाया गया है। इससे बनारसी साड़ी, लखनऊ की चिकनकारी, बरेली का जरदोजी, जालौन का कागज उद्योग और फिरोजाबाद का ग्लास उद्योग जैसे क्षेत्र फलेंगे-फूलेंगे।
रोजगार सृजन की दिशा में बड़ा कदम
मुख्यमंत्री ने बताया कि मांग बढ़ने से उत्पादन में तेजी आएगी और इससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजित होंगे। प्रदेश में सात एक्सप्रेसवे बन चुके हैं और छह पर कार्य जारी है। छह शहरों में मेट्रो संचालन हो रहा है और 16 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। गौतम बुद्ध नगर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट इस वर्ष के अंत तक चालू हो जाएगा।
व्यापारी कल्याण बोर्ड की पहल
प्रदेश सरकार ने व्यापारी कल्याण बोर्ड के माध्यम से रजिस्ट्रेशन को प्रोत्साहित किया है। टैक्स देने वाले व्यापारियों को ₹1 लाख का सुरक्षा बीमा कवर दिया गया है। अब तक 1063 परिवारों को ₹152 करोड़ से अधिक की बीमा राशि वितरित की जा चुकी है। हर वर्ष 29 जून को ईमानदारी से टैक्स देने वाले व्यापारियों को सम्मानित भी किया जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह प्रेस वार्ता न केवल जीएसटी सुधारों की जानकारी देने वाली थी, बल्कि यह स्पष्ट संदेश भी देती है कि सरकार हर वर्ग के हित में काम कर रही है। उपभोक्ता, किसान, व्यापारी, उद्योग और गरीब—हर किसी को इन सुधारों से लाभ मिलेगा। 22 सितंबर से लागू होने जा रही नई जीएसटी दरें देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के साथ-साथ नागरिकों के जीवन को भी सरल बनाएंगी।

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