
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सोमवार को विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के सांसदों के लिए एक विशेष रात्रिभोज का आयोजन करेंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, यह कार्यक्रम केवल मेल-जोल बढ़ाने का अवसर नहीं है, बल्कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और चुनावी प्रक्रिया में कथित धांधली के खिलाफ रणनीति बनाने का मंच भी बनेगा।
विपक्षी एकता का अगला कदम
यह रात्रिभोज ऐसे समय हो रहा है जब कुछ ही दिन पहले इंडिया ब्लॉक के नेता लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आवास पर भी डिनर के लिए जुटे थे। उस बैठक में 25 दलों के वरिष्ठ नेता मौजूद थे और सभी ने भाजपा-चुनाव आयोग के कथित “वोट चोरी” मॉडल के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का संकल्प लिया था।
बिहार पर फोकस, चुनावी धांधली पर चिंता
खड़गे के इस डिनर को खासतौर पर बिहार के संदर्भ में अहम माना जा रहा है। विपक्षी दल आरोप लगा रहे हैं कि मतदाता सूची में गड़बड़ियों के जरिए बड़े पैमाने पर मताधिकार को प्रभावित करने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी ने हाल ही में हुई बैठक में चुनाव आयोग और भाजपा के बीच कथित मिलीभगत पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी थी।
कांग्रेस के मुताबिक, गांधी ने इसमें चुनावी धांधली के “पूरा खेल” समझाते हुए बताया कि किस तरह से मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया को प्रभावित कर विपक्षी वोट बैंक को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।
बड़े-बड़े नाम होंगे शामिल
इस रात्रिभोज में विपक्षी राजनीति के लगभग सभी प्रमुख चेहरे शामिल होने की संभावना है। पिछली बैठक में खड़गे, सोनिया गांधी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा-सपा प्रमुख शरद पवार, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, राजद नेता तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक नेता तिरुचि शिवा और टी.आर. बालू, भाकपा के डी. राजा, माकपा के एम.ए. बेबी, एमएनएम प्रमुख कमल हासन और भाकपा (माले) नेता दीपांकर भट्टाचार्य शामिल थे।
“लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकजुट”
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में लिखा, “चुनावी हेराफेरी के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चा! हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे हर कीमत पर नष्ट होने से बचाएंगे।”
इससे पहले राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा और चुनाव आयोग के बीच “गहरी मिलीभगत” के आरोप लगाए थे और चुनावी प्रक्रिया में “बड़े आपराधिक धोखाधड़ी” के सबूत पेश करने का दावा किया था।
खड़गे का यह रात्रिभोज विपक्षी दलों के लिए न केवल रणनीति पर चर्चा का मंच होगा, बल्कि चुनावी वर्ष में एकजुटता का भी संदेश देगा। इसे “डिनर डिप्लोमेसी” के जरिए विपक्ष की ताकत दिखाने की अगली कड़ी माना जा रहा है।

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