
इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस पार्टी जुट गई है। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अध्यक्षता में पार्टी मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया और आगामी चुनावों की रणनीति पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
रणनीतिक बैठक में बिहार के शीर्ष नेता शामिल
इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, विधानमंडल दल के नेता शकील अहमद खान और मदन मोहन झा, साथ ही राज्य के सांसदों ने भी शिरकत की। बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार में पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के साथ तालमेल को मजबूत करना था।

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर इस बैठक की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में, बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के संबंध में, बिहार के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक हुई।” मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कांग्रेस के आधिकारिक पोस्ट को रीपोस्ट किया, जिससे इस बैठक के महत्व का पता चलता है।
‘इंडिया’ गठबंधन में तालमेल पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा ‘इंडिया’ गठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग और चुनावी तालमेल पर चर्चा करना था। बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार ने बैठक से पहले कहा था, “इंडी गठबंधन को मजबूत करने की पूरी तैयारी है और यह बैठक सभी मुद्दों को लेकर है, चाहे वह सीट शेयरिंग हो या चुनाव प्रचार, सब पर चर्चा हो सकती है।”
बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरु ने भी कहा था कि बैठक में अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य की रणनीति पर विचार किया जाएगा। यह दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी पिछले चुनावों से सबक लेते हुए इस बार एक मजबूत रणनीति के साथ मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
पिछले चुनाव का प्रदर्शन और आगे की चुनौती
पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। पार्टी ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन केवल 19 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी। इस बार पार्टी का लक्ष्य इस प्रदर्शन को सुधारना और गठबंधन के भीतर अपनी स्थिति को मजबूत करना है।
बिहार में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबला करने के लिए, कांग्रेस को महागठबंधन में अपने सहयोगियों, जैसे कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और अन्य दलों के साथ बेहतर तालमेल बिठाना होगा। यह बैठक इस दिशा में एक पहला कदम है, जहाँ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने सीधे राज्य के नेताओं से बात कर उनकी जमीनी हकीकत को समझा।
कांग्रेस की यह कोशिश दिखाती है कि पार्टी बिहार को एक महत्वपूर्ण राज्य मानती है और आने वाले चुनावों में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। बैठक में लिए गए फैसले और तैयार की गई रणनीति आने वाले समय में बिहार की राजनीति में कांग्रेस की भूमिका को परिभाषित करेगी।

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