
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार को कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य एजेंडा आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए पंजाब सहित कई राज्यों में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करना था। बैठक में विशेष रूप से जिला अध्यक्षों के चयन पर गहन चर्चा हुई।
‘आइडियोलॉजी से प्रभावित नेता चाहिए’
कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि पंजाब के साथ-साथ देश के तीन-चार अन्य राज्यों के नेताओं ने इसमें भाग लिया। उन्होंने कहा कि पार्टी का मूल एजेंडा पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है। बाजवा ने बताया कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि जिला अध्यक्ष के रूप में ऐसे नेता का चयन किया जाए, जो कांग्रेस की विचारधारा से पूरी तरह प्रभावित हो और हर वर्ग के साथ मिलकर काम कर सके। उन्होंने कहा कि अगले डेढ़ साल में पंजाब और उत्तराखंड जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं, और कांग्रेस ने अभी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
पंजाब में कानून-व्यवस्था और बाढ़ पर सरकार को घेरा
बैठक के दौरान कांग्रेस नेताओं ने पंजाब में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और हाल ही में आई बाढ़ को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला।
कानून-व्यवस्था पर सवाल: कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब के सीमावर्ती जिलों में आतंकवादियों और गैंगस्टरों ने आतंक मचा रखा है, जहां लोगों को खुलेआम गोलियां मारी जा रही हैं और पुलिस कुछ भी नहीं कर पा रही है। उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए कहा कि वे सिर्फ मजाक करते हैं और कानून-व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दे पर कुछ नहीं बोलते हैं।

बाढ़ राहत में विफलता: कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने बाढ़ की स्थिति को लेकर पंजाब सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि बाढ़ के समय सरकार पूरी तरह से विफल रही है और प्रभावित लोगों की मदद करने में नाकाम रही है। औजला ने पंजाब सरकार से मांग की कि बाढ़ के कारण नुकसान झेलने वाले लोगों को तुरंत मदद दी जाए।
‘भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाती है’
कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने केंद्र की भाजपा सरकार पर भी हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा उन मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है, जो जनता के असली मुद्दों से अलग होते हैं। लल्लू ने कहा कि भाजपा को ‘वोट चोरी’, महंगाई और अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।
लल्लू ने यह भी कहा कि सरकार की नाकामियों, महंगाई, बेरोजगारी और अन्याय के खिलाफ प्रदर्शन करने पर सरकार नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करती है। उन्होंने अपने खुद के खिलाफ दर्ज मुकदमों का हवाला दिया, जिसमें थाने पर छापे और तहसील पर छापे से जुड़े मामले शामिल हैं। लल्लू ने यह भी याद दिलाया कि कोविड-19 के दौरान जब वे जनकल्याण के लिए 1,000 बसों के साथ यात्रा कर रहे थे, तो उन्हें डेढ़ महीने के लिए लखनऊ जेल में रखा गया था। उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोई कानून लाती है और कोई उसका विरोध करता है, तो उसे तुरंत जेल में डाल दिया जाता है।
कांग्रेस की यह बैठक दिखाती है कि पार्टी न सिर्फ संगठनात्मक स्तर पर खुद को मजबूत कर रही है, बल्कि प्रमुख राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर भी सरकार को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है।

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