
संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा के बाद जहां सत्ता पक्ष इसे भारत की आक्रामक रक्षा नीति की मिसाल बता रहा है, वहीं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस, सरकार के रुख से संतुष्ट नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के स्पष्ट जवाब देने से परहेज किया है।
विदेश मंत्री के बयान पर प्रियंका गांधी का सवाल
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के लोकसभा में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कई मुद्दों को अस्पष्ट छोड़ दिया। उन्होंने विशेष रूप से अमेरिका की भूमिका पर सवाल उठाए। प्रियंका गांधी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
“विदेश मंत्री ने सीधे तौर पर यह नहीं कहा कि अमेरिका युद्धविराम में शामिल नहीं था। उन्होंने बस इतना कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक समय पर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप से बात नहीं की थी, लेकिन उन्होंने अमेरिका की संलिप्तता से स्पष्ट इनकार भी नहीं किया।”
राजनाथ सिंह पर विपक्ष का निशाना
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि कुछ नेता सरकार से सवाल करते-करते देश से सवाल पूछने लगे हैं। उनके इस बयान को लेकर भी कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा,
“राजनाथ सिंह जी वरिष्ठ नेता हैं, हम उम्मीद कर रहे थे कि वे हमारे सवालों का उत्तर देंगे, लेकिन उन्होंने एक भी मुद्दे पर स्पष्ट बात नहीं की। उन्होंने केवल राजनीतिक बातें कीं और मुख्य बिंदुओं को टालने की कोशिश की।”
मसूद ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने यह नहीं बताया कि ऑपरेशन में क्या हासिल हुआ, क्या नुकसान हुआ, और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों की क्या भूमिका रही। उन्होंने कहा कि सवालों से बचना सरकार की जवाबदेही से भागने जैसा है।
कांग्रेस का आरोप – जवाबों की बजाय गोलमोल बातें
कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने भी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार ने विपक्ष द्वारा उठाए गए किसी भी महत्वपूर्ण प्रश्न का प्रत्यक्ष और स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।
“वे केवल इतिहास और भविष्य की बातें करते रहे, जबकि हमने वर्तमान और तथ्यों से जुड़े सवाल पूछे थे। विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री दोनों ने बहस से ज्यादा वक्त बचाव में लगाया,” पुनिया ने कहा।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बनी राजनीति की तस्वीर
जहां सरकार इस ऑपरेशन को भारत की रक्षा नीति में मील का पत्थर बता रही है, वहीं कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इससे जुड़े रणनीतिक और कूटनीतिक पहलुओं पर अधिक पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं। अमेरिका की भूमिका, अंतरराष्ट्रीय समर्थन, सैन्य सफलता और हानि – इन सभी बिंदुओं पर विपक्ष ने सरकार से स्पष्ट और तथ्य आधारित जवाब देने की अपील की है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ संसद के भीतर राष्ट्रवाद बनाम जवाबदेही की बहस का केंद्र बन गया है। जहां सरकार इसे साहसी कदम कह रही है, वहीं विपक्ष इसे जानकारी के आभाव में अपारदर्शी करार दे रहा है। आने वाले दिनों में इसपर और बहस की संभावना है, जिससे यह स्पष्ट होगा कि सुरक्षा और पारदर्शिता के बीच संतुलन कैसे बनाया जा सकता है।

राजनीति में विरोधी खेमे को खोदने और चिढ़ाने वाली खबरों को अलग महत्व होता है। इसके लिए नारद बाबा अपना कालम लिखेंगे, जिसमें दी जाने वाली जानकारी आपको हंसने हंसाने के साथ साथ थोड़ा सा अलग तरह से सोचने के लिए मजबूर करेगी। 2 दशक से पत्रकारिता में हाथ आजमाने के बाद अब नए तेवर और कलेवर में आ रहे हैं हम भी…..