
बिहार में कांग्रेस की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ सोमवार को पटना में ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए एक बड़े शक्ति प्रदर्शन के साथ संपन्न होने जा रही है। यह यात्रा राज्य में सत्तारूढ़ एनडीए पर दबाव बनाने और चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के विरोध में ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एक जन आंदोलन के रूप में पेश की गई है।
यात्रा का समापन एक प्रतीकात्मक पदयात्रा के साथ होगा, जिसे ‘गांधी से अंबेडकर’ नाम दिया गया है। यह पदयात्रा सुबह 10 बजे गांधी मैदान के गेट नंबर 1 से शुरू होगी। इस पदयात्रा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव, भाकपा-माले के दीपांकर भट्टाचार्य और वीआईपी के मुकेश सहनी जैसे महागठबंधन के सभी वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। लगभग चार किलोमीटर की यह यात्रा डाकबंगला चौराहा, कोतवाली थाना और नेहरू पथ से होते हुए अंबेडकर प्रतिमा स्थल पर समाप्त होगी।

1300 किमी की यात्रा के बाद राजधानी में अंतिम पड़ाव
कांग्रेस की यह ‘वोटर अधिकार यात्रा’ 17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई थी और राज्य की राजधानी पहुंचने से पहले 25 जिलों से होकर 1,300 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर चुकी है। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाना और ‘इंडिया’ गठबंधन के नेताओं को एक साथ लाकर आगामी चुनाव के लिए माहौल तैयार करना था। यह यात्रा देश भर के विपक्षी नेताओं के समर्थन को भी दर्शाती है, जिसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी शामिल हो चुके हैं।
अंबेडकर पार्क से गठबंधन का चुनावी बिगुल
पदयात्रा के समापन के बाद, पटना के अंबेडकर पार्क में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया है। इस सभा को मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी संबोधित करेंगे। माना जा रहा है कि इस मंच से ‘इंडिया’ गठबंधन बिहार में आगामी चुनावों के लिए अपने अभियान का बिगुल फूंकेगा। सभा में मुख्य रूप से मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा, चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और भाजपा-जदयू गठबंधन की नीतियों पर हमला करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
‘इंडिया’ गठबंधन ने यह कहकर इस यात्रा को आगे बढ़ाया है कि चुनाव आयोग का विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की ओर इशारा करता है, जिसका लाभ सत्ताधारी दल उठा सकते हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इस यात्रा को इस मुद्दे पर जनता को लामबंद करने का एक प्रयास बता रहे हैं।

सत्तापक्ष का पलटवार और चुनावी समीकरण
वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा और जदयू ने इस यात्रा को खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि इस तरह की यात्राओं से बिहार में कुछ भी नहीं बदलने वाला है। भाजपा नेताओं का मानना है कि बिहार की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए के साथ खड़ी है और आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से एनडीए को सत्ता की बागडोर सौंपने जा रही है। उनका दावा है कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है और वे केवल मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पटना में ‘इंडिया’ गठबंधन का यह जमावड़ा केवल एक यात्रा का समापन नहीं है, बल्कि बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्षी दलों के बीच एक बड़ी चुनावी लड़ाई का आगाज है।

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