
संसद के मानसून सत्र में बुधवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में भारी हंगामा देखने को मिला। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर विपक्षी सांसदों के विरोध और नारेबाजी के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित होती रही और अंततः कार्यवाही को गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
मतदाता सूची मुद्दे पर विपक्ष का विरोध
राज्यसभा में जब दोपहर 2 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सदन में “समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025” प्रस्तुत किया। हालांकि, विपक्षी सांसद अपनी सीटों से उठकर नारेबाजी करते हुए आगे आ गए और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को रद्द करने की मांग करने लगे।
विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीब और वंचित वर्ग के मतदाताओं को सूची से बाहर करने का प्रयास हो रहा है। विपक्षी दल इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, लेकिन अनुमति न मिलने के चलते सदन में हंगामा जारी रहा।
लोकसभा में भी रही अशांति
इसी तरह की स्थिति लोकसभा में भी देखने को मिली, जहां “गोवा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जनजाति प्रतिनिधित्व पुनः समायोजन विधेयक, 2024” पर चर्चा होनी थी। परंतु विपक्ष ने यहां भी बिहार मतदाता सूची के मुद्दे को उठाया और नारेबाजी शुरू कर दी। सांसद अपनी सीटों से उठकर वेल में आ गए, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो गई और इसे भी गुरुवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
पीठासीन अधिकारियों की अपील बेअसर
राज्यसभा में पीठासीन अधिकारी कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने विपक्षी सांसदों से बार-बार अपनी सीटों पर लौटने और नारेबाजी न करने की अपील की, लेकिन उनकी अपील का कोई असर नहीं हुआ। कार्यवाही बाधित होते देख उन्हें सदन स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा।

प्रश्नकाल भी हंगामे की भेंट चढ़ा
बुधवार को प्रश्नकाल पूरी तरह से बाधित रहा। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद ही हंगामे के कारण प्रश्नकाल नहीं हो सका। इसके चलते कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित की गई। दोबारा शुरू होने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी और दोपहर 2 बजे तक कार्यवाही फिर स्थगित कर दी गई।
जब दोपहर 2 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तब भी हंगामा जारी रहा, जिसके चलते पूरे दिन के लिए दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा।
बिहार की मतदाता सूची की समीक्षा को लेकर संसद में विपक्ष और सरकार के बीच टकराव लगातार गहराता जा रहा है। हंगामे के कारण न सिर्फ प्रश्नकाल ठप हो गया, बल्कि महत्वपूर्ण विधायी कार्य भी प्रभावित हुए। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद की कार्यवाही को और बाधित कर सकता है।

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