
बिहार की राजनीति में नकली दवाओं के कारोबार को लेकर नया बवाल खड़ा हो गया है। राज्य के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार सरकार को इस मुद्दे पर कटघरे में खड़ा किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने साधा निशाना
पटना स्थित बिहार कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बिहार में सत्ताधारी दलों ने “लोकलाज, मर्यादा और नैतिकता” को ताक पर रख दिया है। उन्होंने कहा, “अगर कोई आम आदमी नकली दवा बनाने या बेचने में दोषी पाया जाता, तो क्या उसे जेल नहीं भेजा जाता? लेकिन यहां मंत्री बने घूम रहे हैं और डबल इंजन सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है।”
नकली दवा का मामला क्या है?
सुप्रिया श्रीनेत ने बताया कि मंत्री जीवेश मिश्रा ऑल्टो हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक दवा कंपनी में निदेशक थे। इस कंपनी की सिप्रोलीन-500 दवा को राजस्थान में नकली और घटिया गुणवत्ता वाली पाया गया था। ड्रग इंस्पेक्शन रिपोर्ट में इस दवा को फेल कर दिया गया और इसे ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की कई धाराओं के तहत आपराधिक श्रेणी में रखा गया।
उन्होंने कहा कि इस मामले में दोषी पाए जाने पर एक से तीन साल तक की जेल और 20,000 रुपये जुर्माना लग सकता था, लेकिन मंत्री के खिलाफ कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
मुख्यमंत्री पर भी उठाए सवाल
कांग्रेस प्रवक्ता ने सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “किसी को नहीं पता कि मुख्यमंत्री इस गंभीर मामले को समझ भी पा रहे हैं या नहीं। नकली दवाओं से लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है, लेकिन मंत्री को हटाया नहीं गया।”
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था बदहाल है। अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा है। नकली दवाओं के कारोबार में दोषी पाए गए व्यक्ति को मंत्री पद पर बने रहने देना राज्य की जनता के साथ विश्वासघात है।
कांग्रेस की मांग क्या है?
सुप्रिया श्रीनेत ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस पार्टी की यह स्पष्ट मांग है कि जीवेश मिश्रा को तत्काल मंत्री पद से हटाया जाए। साथ ही उनके खिलाफ निष्पक्ष और सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा, “नकली दवाएं बेचने वालों को सजा नहीं होगी तो लोगों का जीवन कैसे सुरक्षित रहेगा?”
उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ एक मंत्री का नहीं है, बल्कि पूरे तंत्र में नैतिकता और जवाबदेही के सवाल को उठाता है। अगर नेता खुद कानून तोड़ेंगे तो आम जनता में क्या संदेश जाएगा?
अपराध और कानून व्यवस्था पर भी हमला
कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मौके पर बिहार की बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्य में आए दिन व्यापारियों की हत्या, अपहरण और लूट की घटनाएं हो रही हैं। महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, युवाओं में डर का माहौल है।
उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। नकली दवाओं का मामला इसका ताजा उदाहरण है, जो बताता है कि किस तरह से सत्ता में बैठे लोग जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
विपक्ष ने कहा- जनता को सच पता चलना चाहिए
कांग्रेस ने जनता से अपील की कि वह इस मामले को गंभीरता से देखे और सवाल पूछे कि नकली दवाओं का कारोबार करने वालों को कैसे खुली छूट दी जा रही है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को सड़क से सदन तक उठाएगी और जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक आवाज बुलंद करती रहेगी।
क्या बोले जदयू-भाजपा नेता?
उधर सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि भाजपा के कुछ नेताओं ने इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है और कहा है कि सुप्रिया श्रीनेत बेबुनियाद आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रही हैं। लेकिन विपक्ष इस मुद्दे को छोड़ने के मूड में नहीं है।
अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए सरकार इस गंभीर आरोप पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या जीवेश मिश्रा मंत्री पद पर बने रहेंगे या विपक्ष के दबाव में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? नकली दवाओं जैसे संवेदनशील मुद्दे पर जनता का भरोसा और सरकार की छवि दोनों दांव पर हैं।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।