
दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और देशवासियों को संबोधित करेंगे। इस वर्ष का समारोह विशेष है, क्योंकि इसका विषय “नया भारत” रखा गया है, जो 2047 तक विकसित भारत के विज़न को साकार करने के सरकार के संकल्प को दर्शाता है।
इस वर्ष के निमंत्रण पत्र पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का लोगो और चिनाब पुल का वॉटरमार्क अंकित है, जो भारत की सामरिक शक्ति और अधोसंरचना विकास की दिशा में हुई प्रगति का प्रतीक है। राजधानी दिल्ली में सुरक्षा को लेकर व्यापक इंतज़ाम किए गए हैं, जिससे कार्यक्रम निर्विघ्न और भव्य तरीके से संपन्न हो सके।
लाल किले पर स्वागत और गार्ड ऑफ ऑनर
तय कार्यक्रम के अनुसार, लाल किले पर प्रधानमंत्री के आगमन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह उनका स्वागत करेंगे। दिल्ली क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल भवनीश कुमार उन्हें सलामी मंच तक ले जाएंगे, जहां थल सेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के 96 जवानों की टुकड़ी द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया जाएगा। इस गार्ड का संचालन भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर ए.एस. सेखों करेंगे।

21 तोपों की सलामी और राष्ट्रीय ध्वज फहराना
फ्लाइंग ऑफिसर रशिका शर्मा प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय ध्वज फहराने में सहयोग करेंगी। इसी दौरान 1721 फील्ड बैटरी (सेरेमोनियल) द्वारा स्वदेशी 105 मिमी लाइट फील्ड गन से 21 तोपों की सलामी दी जाएगी, जिसका नेतृत्व मेजर पवन सिंह शेखावत करेंगे।
कैडेट और स्वयंसेवकों की भागीदारी
इस अवसर पर 2,500 से अधिक छात्र, छात्राएं, एनसीसी कैडेट (सेना, नौसेना और वायुसेना) और ‘मेरा भारत’ स्वयंसेवक मौजूद रहेंगे। ये सभी लाल किले की प्राचीर के सामने बने ज्ञानपथ पर बैठकर समारोह का हिस्सा बनेंगे।
5,000 विशेष अतिथि, सम्मानित होंगे खिलाड़ी और समाजसेवी
इस बार समारोह को खास बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 5,000 विशेष अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। इनमें विशेष ओलंपिक 2025 के भारतीय दल के सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं के विजेता और खेलो इंडिया पैरा खेलों के स्वर्ण पदक विजेता शामिल हैं।
सफाईकर्मी और सरपंच भी बने सम्मानित अतिथि
दिल्ली के 50 सफाईकर्मियों को इस वर्ष के समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर बुलाया गया है, जिससे उनके समाजिक योगदान को सम्मान दिया जा सके। इसके अलावा, देशभर से 85 ग्राम सरपंचों को ग्रामीण विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए आमंत्रित किया गया है।
विविधता में एकता का प्रदर्शन
समारोह में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आए पारंपरिक वेशभूषा पहने 1,500 से अधिक लोग भी शामिल होंगे, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का जीवंत उदाहरण पेश करेंगे।
इस स्वतंत्रता दिवस का आयोजन न केवल भारत की आजादी की गौरवगाथा को याद करने का अवसर है, बल्कि आने वाले 22 वर्षों में विकसित भारत के निर्माण की दिशा में सामूहिक संकल्प का प्रतीक भी है। यह समारोह देशवासियों को यह संदेश देता है कि “नया भारत” सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक साझा सपना है, जिसे मिलकर साकार करना है।

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