
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्यसभा सांसद पी. संदोष कुमार ने यमन में मौत की सजा का सामना कर रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए केंद्र सरकार से हर संभव प्रयास करने का अनुरोध किया है। इसके लिए उन्होंने बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इस मामले को गंभीर मानवाधिकार मुद्दा बताया है।
सांसद संदोष कुमार ने पत्र में लिखा कि समाचार माध्यमों से जानकारी मिली है कि निमिषा प्रिया को कुछ ही दिनों में फांसी दी जा सकती है। उन्होंने इसे मानवीय दृष्टिकोण से बेहद चिंताजनक बताया। सांसद ने कहा, ‘‘यह मामला न केवल जनता की अंतरात्मा को झकझोरने वाला है, बल्कि इससे कानूनी सुरक्षा के अभाव और पीड़िता को हुए लगातार उत्पीड़न की गंभीर तस्वीर भी सामने आती है।’’
कुमार ने पत्र में उल्लेख किया कि केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया आजीविका के लिए यमन गई थीं। वहां उन्हें एक यमनी बिजनेस पार्टनर के साथ मिलकर काम करना पड़ा, लेकिन उनके लिए वहां का जीवन कठिनाइयों और शोषण से भरा रहा। सांसद ने लिखा कि प्रिया को बार-बार दुर्व्यवहार और धमकियों का सामना करना पड़ा, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया गया और वे लगातार भय में जीती रहीं।
सांसद ने कहा कि ऐसे हालातों में जो कुछ हुआ, उसने उनके जीवन को एक दुखद मोड़ दे दिया। 2017 में निमिषा प्रिया को अपने यमनी साझेदार की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था। 2020 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी और 2023 में उनकी अंतिम अपील भी खारिज हो चुकी है। इस समय वे यमन की राजधानी सना की जेल में बंद हैं और खबरों के मुताबिक उन पर जल्द ही मौत की सजा लागू की जा सकती है।
कुमार ने विदेश मंत्री से आग्रह किया कि केंद्र सरकार इस मामले में तुरंत दखल दे और यमन सरकार से संपर्क साधे ताकि निमिषा प्रिया को फांसी से बचाया जा सके। उन्होंने इस दिशा में हर संभव कूटनीतिक और मानवीय उपाय करने की अपील की है। सांसद ने उम्मीद जताई कि भारत सरकार संकट में फंसे एक नागरिक के जीवन को बचाने के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हस्तक्षेप करेगी।
गौरतलब है कि इस मामले ने केरल समेत पूरे देश में चिंता पैदा कर दी है और कई सामाजिक संगठनों ने भी केंद्र सरकार से कार्रवाई की मांग की है। अब देखना होगा कि विदेश मंत्रालय इस गंभीर प्रकरण में आगे क्या कदम उठाता है।

Team that uploads the news for you