
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के लिए गुरुवार को मतदान शुरू हो गया है। राजधानी के 50 से अधिक कॉलेजों में छात्र अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। सुबह 8:30 बजे से पहली पाली का मतदान शुरू हुआ, जबकि दोपहर में दूसरी पाली में छात्र वोट डालेंगे। मतदान प्रक्रिया शाम 7:30 बजे तक चलेगी।
मुख्य मुकाबला एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच
इस बार छात्र संघ चुनाव का मुख्य मुकाबला भाजपा समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और कांग्रेस समर्थित नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के बीच माना जा रहा है। हालांकि, आम आदमी पार्टी समर्थित छात्र संगठन और लेफ्ट से जुड़े संगठन भी चुनावी मैदान में हैं।
2.75 लाख छात्र मतदाता
चुनाव आयोग के अनुसार, इस बार करीब 2.75 लाख छात्र मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए लगभग 52 कॉलेजों में मतदान केंद्र बनाए गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव न केवल विश्वविद्यालय बल्कि दिल्ली की राजनीति में भी अहम स्थान रखते हैं।

मतगणना 19 सितंबर को
चुनाव परिणाम शुक्रवार यानी 19 सितंबर को घोषित किए जाएंगे। मतगणना सुबह 9 बजे से शुरू होगी और देर शाम तक पूरी होने की संभावना है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि पूरी मतगणना प्रक्रिया सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में होगी ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
उम्मीदवारों की सूची
एबीवीपी ने केंद्रीय पैनल की चारों प्रमुख सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। अध्यक्ष पद के लिए आर्यन मान, उपाध्यक्ष पद के लिए गोविंद तंवर, सचिव पद पर कुणाल चौधरी और सह सचिव पद के लिए दीपिका झा चुनाव मैदान में हैं।
वहीं, एनएसयूआई की ओर से अध्यक्ष पद के लिए जोश्लिन नंदिता चौधरी, उपाध्यक्ष पद के लिए राहुल झांसला, सचिव पद पर कबीर और सह सचिव पद पर लव कुश बधाना उम्मीदवार हैं।

छात्रों के मुद्दे केंद्र में
सभी छात्र संगठन दावा कर रहे हैं कि उनका चुनावी एजेंडा केवल छात्रों की समस्याओं और हितों पर केंद्रित है। उनका कहना है कि यह चुनाव छात्रों की भागीदारी, कैंपस सुविधाओं, रोजगार और अकादमिक सुधार जैसे मुद्दों पर लड़ा जा रहा है।
अब सभी की निगाहें शुक्रवार को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जिनसे न केवल छात्र राजनीति बल्कि दिल्ली की मुख्यधारा की राजनीति के भविष्य के संकेत भी मिल सकते हैं।

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