
धनबाद के बहुचर्चित पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह हत्याकांड में आठ साल से जेल में बंद झरिया के पूर्व भाजपा विधायक संजीव सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस विनोद चंद्रन और जस्टिस एनबी अंजारिया की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।
संजीव सिंह, जो झरिया की मौजूदा भाजपा विधायक रागिनी सिंह के पति हैं, ने निचली अदालत और झारखंड हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। अदालत में उनकी ओर से अधिवक्ता सन्नी चौधरी ने दलीलें पेश कीं। अधिवक्ता मो. जावेद ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संजीव सिंह के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है, हालांकि निचली अदालत में मुकदमे की सुनवाई जारी रहेगी।
गौरतलब है कि 22 मार्च 2017 को धनबाद के स्टील गेट इलाके में तत्कालीन डिप्टी मेयर नीरज सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने उनकी एसयूवी के बोनट पर चढ़कर अंधाधुंध फायरिंग की थी। नीरज सिंह को 25 गोलियां लगी थीं, जबकि इस हमले में उनके अंगरक्षक मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और सहयोगी अशोक यादव की भी मौत हो गई थी। पुलिस के अनुसार, हमलावरों ने तीन दिशाओं से करीब 100 राउंड गोलियां दागीं।
वारदात के बाद नीरज सिंह के भाई अभिषेक सिंह की शिकायत पर सरायढेला थाने में मामला दर्ज किया गया था। जांच में संजीव सिंह को मुख्य आरोपी बनाया गया और 11 अप्रैल 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। उनके अलावा पिंटू सिंह, मनीष सिंह, महंत पांडेय, गया प्रताप सिंह और अन्य के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब संजीव सिंह की रिहाई तय है, लेकिन ट्रायल पूरा होने तक मामला अदालत में विचाराधीन रहेगा। यह फैसला झारखंड की राजनीति और धनबाद के आपराधिक इतिहास के लिए एक अहम मोड़ माना जा रहा है।

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