
जहां एक ओर संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा हो रही थी, वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर के लिडवास इलाके में आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली। सोमवार को सेना ने ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत तीन आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ कई घंटों तक चली और इलाके में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है।
खुफिया इनपुट पर शुरू हुआ था ऑपरेशन
सेना के अधिकारियों के अनुसार, खुफिया सूचना के आधार पर लिडवास में तलाशी अभियान शुरू किया गया था। इसी दौरान सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई। आतंकियों ने घेरा तोड़ने की कोशिश की, लेकिन सेना ने उन्हें चारों ओर से घेर लिया और तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया।
सेना की चिनार कॉर्प्स ने अपने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर इसकी पुष्टि करते हुए लिखा, “ऑपरेशन महादेव के तहत लिडवास में आतंकियों से संपर्क स्थापित हुआ है और ऑपरेशन जारी है।” बाद में एक और पोस्ट में बताया गया कि तीन आतंकी मारे गए हैं और क्षेत्र में क्लीन-अप ऑपरेशन जारी है।
आतंकवाद के खिलाफ बड़ी रणनीतिक सफलता
‘ऑपरेशन महादेव’ को घाटी में आतंकवाद के खिलाफ हाल की सबसे बड़ी रणनीतिक सफलताओं में से एक माना जा रहा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों को जड़ से खत्म करने के लिए चौकस और सक्रिय हैं।
सेना ने इस ऑपरेशन में आधुनिक तकनीक, सटीक खुफिया जानकारी और समन्वित रणनीति का इस्तेमाल किया, जिससे मुठभेड़ सफल रही।
पहलगाम हमले के बाद आतंकियों के खिलाफ तीव्र अभियान
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने आतंकवादी हमला किया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस हमले के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को निर्णायक कार्रवाई की छूट दी।
इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और नौ ठिकानों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इसी कड़ी में घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन महादेव जैसे अभियान तेज़ी से चलाए जा रहे हैं।
सुरक्षाबलों की मुस्तैदी और रणनीति
‘ऑपरेशन महादेव’ दर्शाता है कि सुरक्षाबल सिर्फ रक्षात्मक नहीं, बल्कि आक्रामक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। मानव खुफिया नेटवर्क, ड्रोन सर्विलांस, और विशेष बलों की तैनाती जैसे उपायों ने इस ऑपरेशन को सफल बनाया।
इलाके में अभी भी तलाशी अभियान जारी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि और कोई आतंकी वहां छिपा हुआ न हो। स्थानीय लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
जहां संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति और सेना की रणनीतिक तैयारियों को सराहा जा रहा था, वहीं लिडवास में ‘ऑपरेशन महादेव’ की सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक और सख्त रुख अपनाए हुए है। सुरक्षाबलों की यह कार्रवाई न सिर्फ आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब है, बल्कि देशवासियों के बीच आत्मविश्वास और सुरक्षा का भाव भी बढ़ा रही है।

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