
तमिलनाडु की राजनीति में शनिवार को उस समय हलचल तेज हो गई जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के मंत्री आई. पेरियासामी और उनके परिवार से जुड़ी कई संपत्तियों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई संदिग्ध धन शोधन और अवैध वित्तीय लेनदेन की जांच के सिलसिले में की जा रही है।
ईडी की टीमों ने सुबह से ही चेन्नई के ग्रीनवेज रोड स्थित मंत्री पेरियासामी के आवास, तिरुवल्लीकेनी के विधायक गेस्ट हाउस, और मदुरै व डिंडीगुल में उनकी संपत्तियों पर एक साथ तलाशी अभियान शुरू किया। जानकारी के अनुसार, एजेंसी वित्तीय लेनदेन से जुड़े दस्तावेज और अन्य साक्ष्य खंगाल रही है।
ग्रीनवेज रोड पर तनावपूर्ण माहौल
इस कार्रवाई के दौरान तनाव का माहौल तब बन गया जब ईडी अधिकारियों को मंत्री के ग्रीनवेज रोड स्थित आवास में प्रवेश करने से स्थानीय लोगों ने शुरुआती विरोध किया। हालांकि पुलिस बल की तैनाती के बाद अधिकारियों को परिसर में जाने की अनुमति मिली। पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुलिस की भारी तैनाती देखी जा रही है।
ईडी की पूर्व जांच और सुप्रीम कोर्ट की फटकार
यह पहला मौका नहीं है जब तमिलनाडु में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई चर्चा में आई हो। इसी साल की शुरुआत में ईडी ने टीएएसएमएसी (तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन) में 1,000 करोड़ रुपये की कथित अनियमितताओं को लेकर छापेमारी की थी। उस समय निविदा प्रक्रियाओं, शराब की बोतलों पर बढ़े शुल्क और लाइसेंसिंग में गड़बड़ियों की जांच की गई थी।
हालांकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जिसने मई में ईडी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने एजेंसी को फटकार लगाते हुए कहा था कि वह सरकारी निगमों पर छापा मारकर संवैधानिक और संघीय ढांचे का उल्लंघन कर रही है।

हालिया छापे और बरामदगी
हाल ही में ईडी ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय द्वारा जांच में आरोपी पूर्व पर्यावरण अधिकारी एस. पांडियन से जुड़े ठिकानों पर भी कार्रवाई की थी। इन अभियानों के दौरान भारी मात्रा में नकदी, सोना, चांदी, हीरे और संपत्ति से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। इन जब्त सामग्रियों ने कथित भ्रष्टाचार के पैमाने पर और सवाल खड़े किए।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और बढ़ती हलचल
मंत्री पेरियासामी पर हुई ताजा छापेमारी ने एक बार फिर तमिलनाडु के राजनीतिक गलियारों को गर्मा दिया है। सत्तारूढ़ द्रमुक ने पहले भी आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार अपनी एजेंसियों का दुरुपयोग कर राज्य के विपक्षी दलों और नेताओं को निशाना बना रही है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि भ्रष्टाचार और धन शोधन जैसे मामलों को सामने लाने के लिए ऐसी कार्रवाई आवश्यक है।
इस कार्रवाई के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि द्रमुक और केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक टकराव और तेज होगा। छापेमारी के नतीजे और ईडी की आगामी रिपोर्ट तमिलनाडु की राजनीति पर बड़ा असर डाल सकती है।

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