
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का आरोप लगा है। इस मामले में चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर 8 सितंबर को स्पष्टीकरण के लिए बुलाया है। चुनाव आयोग ने खेड़ा से पूछा है कि इस गंभीर उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
इस विवाद की शुरुआत भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के एक सोशल मीडिया पोस्ट से हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पवन खेड़ा के पास जंगपुरा और नई दिल्ली दोनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए सक्रिय मतदाता पहचान पत्र (EPIC नंबर) हैं। मालवीय ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस नेता ने कई बार मतदान करके चुनावी कानून का उल्लंघन किया है।
पवन खेड़ा ने आरोपों को नकारा, चुनाव आयोग को ठहराया जिम्मेदार
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए, पवन खेड़ा ने मतदाता पहचान पत्र में किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया और इसके लिए सीधे तौर पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं 2016 में उस क्षेत्र से शिफ्ट हो गया था। तब से 4-5 बार वोटर लिस्ट में संशोधन हो चुका है, लेकिन मेरा नाम नहीं हटाया गया।” उन्होंने इसे मतदाता सूची संशोधन के दौरान बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के काम में लापरवाही का नतीजा बताया।
खेड़ा ने यह भी सवाल किया कि वोटर लिस्ट को सही रखना किसकी जिम्मेदारी है, कांग्रेस की या चुनाव आयोग की? उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पारदर्शिता नहीं दिखा रहा है और यही वजह है कि उनकी पार्टी इसे ‘वोट चोरी’ कह रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट’ और महाराष्ट्र के मतदाता बूथ की सीसीटीवी फुटेज की मांग कर रही है, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ में सामने आई खामियां
पवन खेड़ा ने कांग्रेस द्वारा बिहार में आयोजित की गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जहाँ लोग जीवित होने के बावजूद उन्हें मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं और उनकी पार्टी इन्हीं सवालों को उठा रही है।
अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस मामले को गांधी परिवार से भी जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिक बनने से पहले ही मतदाता सूची में नाम दर्ज करा लिया था, और अब पवन खेड़ा भी गांधी परिवार के प्रति अपनी नजदीकी दिखाने के लिए दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय मतदाता पहचान पत्र रखते हैं। इस तरह के गंभीर आरोप-प्रत्यारोप से यह मामला और भी राजनीतिक हो गया है।
अब सबकी निगाहें 8 सितंबर पर टिकी हैं, जब पवन खेड़ा को चुनाव आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा।
ंElection Commission sends notice to Congress leader Pawan Khera for having two voter ID cards
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का आरोप लगा है। इस मामले में चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी कर 8 सितंबर को स्पष्टीकरण के लिए बुलाया है। चुनाव आयोग ने खेड़ा से पूछा है कि इस गंभीर उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
इस विवाद की शुरुआत भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय के एक सोशल मीडिया पोस्ट से हुई, जिसमें उन्होंने दावा किया कि पवन खेड़ा के पास जंगपुरा और नई दिल्ली दोनों विधानसभा क्षेत्रों के लिए सक्रिय मतदाता पहचान पत्र (EPIC नंबर) हैं। मालवीय ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस नेता ने कई बार मतदान करके चुनावी कानून का उल्लंघन किया है।
पवन खेड़ा ने आरोपों को नकारा, चुनाव आयोग को ठहराया जिम्मेदार
भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए, पवन खेड़ा ने मतदाता पहचान पत्र में किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया और इसके लिए सीधे तौर पर चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “मैं 2016 में उस क्षेत्र से शिफ्ट हो गया था। तब से 4-5 बार वोटर लिस्ट में संशोधन हो चुका है, लेकिन मेरा नाम नहीं हटाया गया।” उन्होंने इसे मतदाता सूची संशोधन के दौरान बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के काम में लापरवाही का नतीजा बताया।
खेड़ा ने यह भी सवाल किया कि वोटर लिस्ट को सही रखना किसकी जिम्मेदारी है, कांग्रेस की या चुनाव आयोग की? उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पारदर्शिता नहीं दिखा रहा है और यही वजह है कि उनकी पार्टी इसे ‘वोट चोरी’ कह रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ‘मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट’ और महाराष्ट्र के मतदाता बूथ की सीसीटीवी फुटेज की मांग कर रही है, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है।
‘वोटर अधिकार यात्रा’ में सामने आई खामियां
पवन खेड़ा ने कांग्रेस द्वारा बिहार में आयोजित की गई ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जहाँ लोग जीवित होने के बावजूद उन्हें मतदाता सूची में मृत घोषित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं और उनकी पार्टी इन्हीं सवालों को उठा रही है।
अमित मालवीय ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस मामले को गांधी परिवार से भी जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी ने भारतीय नागरिक बनने से पहले ही मतदाता सूची में नाम दर्ज करा लिया था, और अब पवन खेड़ा भी गांधी परिवार के प्रति अपनी नजदीकी दिखाने के लिए दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में सक्रिय मतदाता पहचान पत्र रखते हैं। इस तरह के गंभीर आरोप-प्रत्यारोप से यह मामला और भी राजनीतिक हो गया है।
अब सबकी निगाहें 8 सितंबर पर टिकी हैं, जब पवन खेड़ा को चुनाव आयोग के सामने पेश होकर अपना पक्ष रखना होगा।

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