
केंद्रीय मंत्री और कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी ने गुरुवार को सरायकेला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और झारखंड की सत्तारूढ़ हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा। यह कार्यक्रम आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित किया गया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस को लोकतंत्र की हत्या का दोषी ठहराते हुए इतिहास की कड़वी सच्चाई याद दिलाई।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अन्नपूर्णा देवी ने 25 जून 1975 को देश के लिए एक काले दिन के रूप में याद किया। उन्होंने कहा, “जिस पार्टी ने देश में आपातकाल थोपकर नागरिक अधिकारों को कुचला, आज वही पार्टी संविधान की रक्षा की बातें कर रही है। कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए कि उसकी नीतियों ने लोकतंत्र को कैसे रौंदा।”
“देश को बना दिया था जेल”
केंद्रीय मंत्री ने अपने संबोधन में उस दौर को याद करते हुए कहा कि “इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने आपातकाल के नाम पर पूरे देश को जेल में बदल दिया था। प्रेस की स्वतंत्रता छीन ली गई थी, विरोधियों को जेलों में ठूंस दिया गया था और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को रद्द कर दिया गया था। यही असली लोकतंत्र की हत्या थी।”
उन्होंने कहा कि आज जो लोग बीजेपी पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाते हैं, उन्हें इतिहास की इस सच्चाई से आंखें नहीं चुरानी चाहिए। उन्होंने युवा पीढ़ी से अपील करते हुए कहा कि “वो उस दौर को जानें, समझें ताकि भविष्य में देश फिर कभी ऐसी आपात स्थिति में न पहुंचे।”
झारखंड सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
अपने संबोधन में अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को “भ्रष्टाचार और अराजकता की प्रतीक” बताया। उन्होंने कहा कि “राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। सरकारी विभागों में लूट और रिश्वतखोरी का बोलबाला है। महिलाएं और बेटियां असुरक्षित हैं। सरकार की तथाकथित योजनाएं केवल कागजों तक सीमित हैं।”
उन्होंने ‘मैया सम्मान योजना’ को लेकर कहा कि यह एक चुनावी जुमला है, जो केवल जनता को भ्रमित करने के लिए लाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार जनहित के बजाय सत्ता को बचाने के लिए काम कर रही है।
केंद्र की योजनाएं बदल रही हैं देश का चेहरा
इसके विपरीत, अन्नपूर्णा देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि “उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी योजनाएं सीधे देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रही हैं और समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बना रही हैं।”
उन्होंने कहा कि झारखंड की जनता अब सत्ता में पारदर्शिता और विकास की राजनीति चाहती है, जो केवल भारतीय जनता पार्टी ही दे सकती है। “बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी है जो राष्ट्रहित और जनहित के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है।”
लोकतंत्र की रक्षा के लिए जनजागरण जरूरी
कार्यक्रम के अंत में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आजादी के बाद देश में सबसे बड़ा संकट आपातकाल के रूप में आया था। उस दौर में भारतवासियों की अभिव्यक्ति, स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचला गया था। उन्होंने कहा कि “आज जरूरत है कि हम इतिहास से सबक लें और लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहें। कांग्रेस जैसी पार्टियों का असली चेहरा जनता के सामने आ चुका है।”
अन्नपूर्णा देवी का यह बयान ऐसे समय आया है जब विपक्षी दल लगातार बीजेपी सरकार पर संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं। ऐसे में आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर उनके इस तीखे हमले को राजनीतिक पलटवार के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने जहां कांग्रेस को उसके अतीत की याद दिलाई, वहीं झारखंड सरकार की कार्यप्रणाली को कठघरे में खड़ा करते हुए बीजेपी के विकास मॉडल को जनता के सामने पेश किया।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में जनता इन बयानों और मुद्दों को किस रूप में लेती है।