
हल्द्वानी स्थित कुमाऊं के सबसे बड़े महाविद्यालय एमबीपीजी कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के दौरान एक फर्जी वोटर पकड़े जाने से माहौल गरमा गया है। एनएसयूआई अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कमल बोरा की शिकायत के बाद कॉलेज प्रशासन ने तत्काल जांच की और फर्जी आई कार्ड के आधार पर एक छात्र को पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना ने चुनाव की पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कमल बोरा की शिकायत पर हुई कार्रवाई
एनएसयूआई के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार कमल बोरा ने मतदान प्रक्रिया के दौरान एक संदिग्ध छात्र की पहचान की और कॉलेज प्रशासन को इसकी सूचना दी। शिकायत मिलते ही प्रशासन ने उस छात्र का आई कार्ड स्कैन कर जांच की, जिसमें फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। आई कार्ड की वैधता न होने पर छात्र को तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया गया। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने अन्य वोटरों की भी जांच शुरू कर दी है ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी प्रकार की अनियमितता न हो।

13 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं कर रहे मतदान
एमबीपीजी कॉलेज में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत कुल सात पदों के लिए छात्रसंघ चुनाव हो रहे हैं। इस चुनाव में 13 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।
प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर
चुनाव के मद्देनजर नैनीताल रोड और ठंडी सड़क पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। एसपी क्राइम जगदीश चंद्र, सिटी मजिस्ट्रेट गोपाल सिंह चौहान, तहसीलदार कुलदीप पांडे और सीओ नितिन लोहनी लगातार कॉलेज परिसर और मतदान स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
एसपी क्राइम जगदीश चंद्र ने बताया कि मतगणना स्थल के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है ताकि किसी भी तरह की अराजकता न फैले। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणाम आने के बाद कॉलेज परिसर और आसपास किसी भी प्रकार के हुड़दंग या जुलूस निकालने पर सख्ती से रोक रहेगी।

राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम चुनाव
एमबीपीजी कॉलेज का छात्रसंघ चुनाव केवल शैक्षणिक संस्थान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका राजनीतिक महत्व भी काफी बड़ा है। हल्द्वानी का यह चुनाव बीजेपी और कांग्रेस दोनों दलों के लिए खास मायने रखता है। छात्र राजनीति के जरिए युवा नेतृत्व तैयार होता है, जो आगे चलकर मुख्यधारा की राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाता है।
पारदर्शिता और सुरक्षा की परीक्षा
फर्जी वोटर की गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना कितना जरूरी है। कॉलेज प्रशासन और पुलिस की तत्परता से यह मामला समय रहते उजागर हो गया, जिससे चुनाव की निष्पक्षता बनी रही। आने वाले समय में ऐसे मामलों से बचने के लिए तकनीकी निगरानी और सख्त पहचान प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है। छात्रसंघ चुनावों को लोकतंत्र की नींव माना जाता है, और इनकी शुचिता बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



