
आज, 18 अगस्त को, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना जन्मदिन मना रही हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। यह दिन न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, बल्कि यह उनके राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों, चुनौतियों और उनके द्वारा देश की आर्थिक नीतियों को दिए गए आकार को भी दर्शाता है। मदुरै से लेकर दिल्ली के सत्ता गलियारों तक का उनका सफर महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है।
शैक्षणिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक उदय
निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में हुआ था। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि काफी मजबूत रही है। उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री ली और उसके बाद प्रतिष्ठित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। वैश्विक आर्थिक मुद्दों में उनकी गहरी रुचि और अकादमिक ज्ञान ने उन्हें राजनीति में एक मजबूत आधार दिया। राजनीति में आने से पहले उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में भी काम किया और अपनी एक अलग पहचान बनाई।
साल 2006 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होकर उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। उनकी वाकपटुता, तार्किक संवाद शैली और बौद्धिक क्षमता ने उन्हें जल्द ही पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। उन्हें बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया और फिर पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी गई। एक प्रवक्ता के रूप में, उन्होंने मीडिया में पार्टी का पक्ष दमदार तरीके से रखा और यूपीए सरकार की आर्थिक नीतियों और विफलताओं को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राजनीतिक यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव
2014 में जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सरकार सत्ता में आई, तो निर्मला सीतारमण को मंत्रिमंडल में जगह मिली। पहले कार्यकाल में, उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार संभाला। इस दौरान, उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े और साहसिक आर्थिक सुधारों का समर्थन किया। ये वो समय था जब भारत अपनी आर्थिक नीतियों में बड़े बदलावों के दौर से गुजर रहा था।
इसके बाद, 2017 में उन्होंने भारत की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बनकर इतिहास रचा। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद यह दूसरा मौका था जब किसी महिला ने रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने डोकलाम जैसे सीमा विवादों के दौरान सरकार की स्थिति को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में उड़ान भरना भी एक उल्लेखनीय घटना थी, जो यह दर्शाती है कि वह अपने काम को कितनी गंभीरता और लगन से करती हैं।
2019 में, उन्हें देश की वित्त मंत्री की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। वित्त मंत्री के रूप में, उन्होंने लगातार आठ बजट पेश कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। साउथ ब्लॉक में उनकी उपस्थिति उन्हें देश की सबसे प्रभावशाली महिला नेताओं में से एक बनाती है। उनकी कार्यशैली का मूलमंत्र सादगी और समर्पण है। उनकी आर्थिक नीतियों का उद्देश्य ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार करना रहा है, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने बधाई संदेश में कहा है।

एक वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री के रूप में निर्मला सीतारमण का कार्यकाल कई आर्थिक चुनौतियों और महत्वपूर्ण फैसलों से भरा रहा है। उन्होंने COVID-19 महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कई पैकेज और नीतियां पेश कीं। उनके द्वारा पेश किए गए बजटों में बुनियादी ढाँचे के विकास, पूंजीगत व्यय में वृद्धि और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उनके नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी रही है।
उनके जन्मदिन पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता समेत कई नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। इन सभी नेताओं ने उनके नेतृत्व, योगदान और देश के आर्थिक विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
निर्मला सीतारमण का राजनीतिक सफर यह दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी सादगी, बौद्धिक क्षमता और कड़ी मेहनत के बल पर देश के सर्वोच्च पदों तक पहुँच सकता है। उनकी सादगी का एक और उदाहरण उनकी साड़ी भी है, जो हर बजट के मौके पर चर्चा का विषय बनती है और भारत की विविध संस्कृति का प्रतीक बनती है। उनका जीवन और राजनीतिक करियर महिलाओं और युवाओं के लिए एक प्रेरणा है।

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