
पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक उच्च स्तरीय फ्लड मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में शामिल मंत्रियों को राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस बीच, जालंधर में पहले से ही एक फ्लड कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, जो लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
- मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अलग-अलग जिलों का प्रभार सौंपा है ताकि राहत और बचाव कार्यों को तेजी से चलाया जा सके। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह, गुरमीत सिंह खुड़िया और बरिंदर कुमार गोयल पूरे पंजाब में बाढ़ की स्थिति की निगरानी करेंगे। - कपूरथला: मोहिंदर भगत और हरदीप सिंह मुंडिया को जिम्मेदारी दी गई है।
- तरन तारन: लालजीत सिंह भुल्लर और हरभजन सिंह ईटीओ हालात पर नजर रखेंगे।
- फाजिल्का: डॉ. बलजीत कौर और तरुणप्रीत सिंह सौंध को प्रभारी नियुक्त किया गया है।
- मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों और अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
छुट्टियां रद्द और चौबीसों घंटे निगरानी
इससे पहले, पंजाब सरकार ने मंगलवार को स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में चौबीसों घंटे मौजूद रहने के निर्देश जारी किए थे। इसके साथ ही, अधिकारियों और कर्मचारियों की सभी छुट्टियां तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं। सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी लापरवाही न हो और प्रभावित लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाई जा सके।
क्यों आई पंजाब में बाढ़?
पंजाब में मौजूदा बाढ़ की स्थिति जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पिछले दो-तीन दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण पैदा हुई है। लगातार हो रही बारिश से रणजीत सागर बांध अपनी अधिकतम क्षमता के करीब पहुंच गया है। बांध से पानी छोड़े जाने के कारण रावी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ आ गई है।
रावी के अलावा, उझ और अन्य नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है, जिससे नरोट जैमल सिंह और बामियाल ब्लॉक के अधिकांश गांव जलमग्न हो गए हैं। रणजीत सागर बांध से लगभग 1,10,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से रावी नदी मक्खनपुर, पोला, तास और बहादुरपुर जैसे कई गांवों के तटबंधों के पास खतरनाक स्तर पर बह रही है।
राज्य सरकार का यह कदम दिखाता है कि वह इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। हालांकि, ऊपरी इलाकों में लगातार बारिश की स्थिति को देखते हुए अभी भी स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

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