
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 47वें दीक्षा समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने छात्राओं को संबोधित करते हुए लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर चिंता जताई। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बेटियों को ऐसे संबंधों से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे उनका जीवन प्रभावित हो सकता है। उन्होंने कहा, “हर जगह काले कौवे निगाहें लगाए बैठे हैं, इसलिए बेटियों को सतर्क और सजग रहना जरूरी है।”
दीक्षा समारोह में बेटियों को दी गई चेतावनी
रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस समारोह में राज्यपाल ने कहा कि लिव-इन रिलेशन में जाने से न केवल घर-गृहस्थी बिगड़ती है, बल्कि जीवन भी टुकड़ों में बंट सकता है। उन्होंने हाल के दिनों में सामने आई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि कई मामलों में युवतियों को भावनात्मक और सामाजिक नुकसान उठाना पड़ा है। समारोह में काशी विद्यापीठ के 101 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और तीन ट्रांसजेंडर सहित कुल 71,243 विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं।

पाक्सो एक्ट और पीड़ित बेटियों की कहानियां
राज्यपाल ने पाक्सो एक्ट का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कई पीड़ित बेटियों से मुलाकात की है। हर एक की कहानी अलग और दर्दनाक थी। उन्होंने एक न्यायाधीश से हुई बातचीत का जिक्र करते हुए बताया कि जज ने भी छात्राओं को लिव-इन रिलेशन से बचाने के लिए विश्वविद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि कई लड़कियां मात्र 15 से 20 वर्ष की उम्र में गर्भवती हो गईं और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। ऐसे मामलों में न तो ससुराल पक्ष ने उन्हें अपनाया और न ही मायके वालों ने सहारा दिया।
संस्कृति संरक्षण में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की भूमिका
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 43वें दीक्षा समारोह को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय संस्कार, संस्कृत और संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने पांडुलिपियों को डिजिटल करने की पहल की सराहना की और छात्रों से भारत की परंपरा और संस्कृत को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
इस समारोह में 36 विद्यार्थियों को पदक और कुल 11,476 को उपाधियां प्रदान की गईं। राज्यपाल ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे न केवल शिक्षा में आगे बढ़ें, बल्कि भारतीय संस्कृति और मूल्यों को भी आत्मसात करें।

बेटियों को आत्मनिर्भर और जागरूक बनने की सलाह
राज्यपाल के संबोधन का मुख्य संदेश यही रहा कि बेटियों को अपने जीवन के फैसलों में सतर्कता बरतनी चाहिए। लिव-इन जैसे संबंधों में जाने से पहले उन्हें सामाजिक, भावनात्मक और कानूनी पहलुओं को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनना चाहिए, लेकिन साथ ही अपने संस्कारों और संस्कृति से जुड़कर जीवन में संतुलन बनाए रखना चाहिए। समारोह में राज्यपाल की बातें छात्राओं के लिए एक मार्गदर्शक की तरह सामने आईं।

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