
उत्तर प्रदेश के बैरिया में रविवार को उस वक्त तनाव फैल गया जब भाजपा के पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह और पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के बेटे डा. विपुलेंद्र प्रताप सिंह के बीच हुकुम छपरा गंगा घाट पर किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। दोनों अपने-अपने समर्थकों के साथ एक दाह संस्कार कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। मामूली कहासुनी जल्द ही मारपीट में तब्दील हो गई, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए।
दूसरी बार हुई भिड़ंत, 11 लोग घायल
पहली झड़प के बाद, जब डा. विपुलेंद्र प्रताप सिंह अपने समर्थकों के साथ देवराज ब्रह्म मोड़ के पास से वापस लौट रहे थे, तो पूर्व विधायक के समर्थकों ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद दोबारा हिंसक झड़प शुरू हो गई। मारपीट में दोनों पक्षों के कुल 11 लोग घायल हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और स्थिति को नियंत्रित किया।
पुलिस ने दोनों पक्षों पर दर्ज किया मुकदमा
घटना की गंभीरता को देखते हुए बैरिया थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह की अगुवाई में तत्काल जांच शुरू की गई। पुलिस ने दोनों पक्षों की तरफ से 33 नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह के बेटे विद्याभूषण सिंह हजारी की शिकायत पर डा. विपुलेंद्र प्रताप सिंह, अभिनंदन सिंह, ब्लाक प्रमुख कन्हैया सिंह, प्रशांत उपाध्याय, राजेश सिंह, रवि उपाध्याय, शशिकांत सिंह, दीपक सिंह सहित 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है।
वहीं, सोनबरसा निवासी प्रशांत उपाध्याय की तहरीर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, उनके पुत्र विद्याभूषण सिंह हजारी, अभय सिंह बिहारी, रुद्र प्रताप सिंह, उदय प्रताप सिंह, रितेश सिंह, धनंजय सिंह, बजरंगी सिंह, आदित्य सिंह अदल, दुर्गेश सिंह, सोनू सिंह, अंकुर सिंह, शिवम सिंह, राजू सिंह, कमलेश सिंह और अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
प्रशासन अलर्ट, अधिकारी पहुंचे मौके पर
घटना के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल बन गया, जिसे देखते हुए बैरिया थाना पुलिस को अलर्ट किया गया है। अपर पुलिस अधीक्षक कृपाशंकर और पुलिस क्षेत्राधिकारी मोहम्मद फहीम कुरैशी रविवार देर रात घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली और स्थानीय लोगों से बातचीत की।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का असर?
मामले को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा है, जो अब सड़क पर टकराव में बदल गई है। दोनों ही पक्षों का क्षेत्र में प्रभाव है और आगामी राजनीतिक समीकरणों को लेकर यह टकराव और गंभीर रूप ले सकता है।
जांच जारी, शांति बनाए रखने की अपील
पुलिस का कहना है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए गश्त बढ़ा दी गई है। वहीं, स्थानीय प्रशासन ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और कानून का पालन करने की अपील की है। यह मामला अब कानूनी और राजनीतिक दोनों मोर्चों पर तूल पकड़ रहा है, जिस पर प्रदेश भर की निगाहें टिकी हुई हैं।

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