
गुजरात की राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के प्रदेश संगठन मंत्री सूर्यसिंह डाभी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने न केवल संगठन मंत्री पद छोड़ा, बल्कि पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया।
सूर्यसिंह डाभी पिछले तीन वर्षों से आम आदमी पार्टी में सक्रिय रूप से कार्यरत थे और संगठन के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे। वे राज्य में पार्टी की सांगठनिक मजबूती और जनाधार बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत रहे। डाभी को पार्टी में क्षेत्रीय संगठन मंत्री (मध्य क्षेत्र, गुजरात), प्रभारी-गांधीनगर लोकसभा सीट और प्रभारी-गांधीनगर उत्तर विधानसभा का जिम्मा मिला हुआ था।
अपने त्यागपत्र में डाभी ने लिखा, “मैं आम आदमी पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्यरत हूं, लेकिन पार्टी के कुछ क्षेत्रीय नेताओं और उनकी नीतियों की उपेक्षा तथा अप्रसन्नता के कारण, और जिस उद्देश्य से मैंने पार्टी ज्वाइन की थी, उसके पूरे होने की कोई संभावना न देखकर, मैं सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं।”
गौरतलब है कि डाभी 2012 में आम आदमी पार्टी से जुड़े थे और तब से गुजरात में पार्टी अभियान का अहम हिस्सा बने हुए थे। 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने पार्टी के लिए अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें ‘आप’ को पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी।
डाभी के इस्तीफे की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। कई यूजर्स इसे गुजरात में पार्टी के भीतर आंतरिक मतभेद का संकेत मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राज्य में ‘आप’ के विस्तार के लिए बड़ा झटका बता रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि डाभी का जाना गुजरात में ‘आप’ के संगठनात्मक ढांचे को कमजोर कर सकता है, खासकर गांधीनगर और आसपास के क्षेत्रों में, जहां उन्होंने पार्टी की पकड़ मजबूत करने में काफी मेहनत की थी।
अब देखना होगा कि आम आदमी पार्टी इस इस्तीफे पर क्या रुख अपनाती है और संगठन में डाभी की जगह कौन लेता है। फिलहाल, पार्टी की ओर से उनके इस्तीफे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
गुजरात में पहले से ही भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है, ऐसे में ‘आप’ के लिए डाभी जैसे अनुभवी नेता का जाना आने वाले चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।

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