
Harish Rao on water crisis in Telangana protest with the farmers soon
तेलंगाना में जल संकट को लेकर राजनीतिक गर्मी चरम पर है। पूर्व मंत्री और बीआरएस नेता और पूर्वमंत्री हरीश राव ने सरकार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कन्नेपल्ली पंप हाउस की मोटरें तुरंत चालू नहीं की गईं और पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हुई, तो पार्टी के नेता केसीआर के नेतृत्व में लाखों किसान कन्नेपल्ली की ओर कूच करेंगे।
हरीश राव ने आरोप लगाया कि राज्य की रेवंत रेड्डी सरकार किसानों के साथ विश्वासघात कर रही है। उन्होंने कहा, “तेलंगाना आज पानी की किल्लत से जूझ रहा है क्योंकि सत्ता में ऐसे नेता बैठे हैं, जिन्हें पानी के मूल्य का ज्ञान नहीं है। अगर कोई पानी की कीमत समझने वाला मुख्यमंत्री होता, तो वह हर मौके का इस्तेमाल करता और एक-एक बूंद को खेतों तक पहुंचाता।”
उन्होंने कहा कि मेडिगड्डा बैराज के सभी गेट खुले होने के बावजूद कन्नेपल्ली पंप हाउस की मोटरें बंद हैं, जबकि प्रतिदिन दो टीएमसी पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। अगर कालेश्वरम परियोजना की मोटरें चालू की जाएं, तो 15 जिलों तक पानी पहुंच सकता है।

श्रीशैलम में 30 मई को बाढ़ आई थी और अब 36 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कालवकुर्ती प्रोजेक्ट की मोटरें अब तक शुरू नहीं हुई हैं। हरीश राव ने यह भी आरोप लगाया कि रेवंत रेड्डी सरकार ने कृष्णा नदी का सबसे कम उपयोग किया है और 65 टीएमसी पानी आंध्र प्रदेश को सौंपने का गुप्त समझौता किया है।
उन्होंने कहा, “महबूबनगर में फसल अवकाश घोषित कर दिया गया और आंध्र प्रदेश में तीसरी फसल के लिए पानी छोड़ा गया। यह किसके इशारे पर किया गया? रेवंत रेड्डी, आपका चंद्रबाबू नायडू से क्या गुप्त समझौता है?”
हरीश राव ने चेतावनी दी कि अगर महबूबनगर जिले में कालवकुर्ती परियोजना की मोटरें शुरू नहीं की गईं, तो हजारों किसान खुद परियोजना स्थल पर जाकर मोटरें चालू करेंगे। उन्होंने कहा कि “हम इस सरकार को नहीं छोड़ेंगे, अब जनता की ताकत दिखेगी।”
तेलंगाना की राजनीति में जल संकट अब गंभीर सियासी मुद्दा बन चुका है।

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