
भारत ने स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए देश के पहले ‘हाइड्रोजन हाईवे’ के ट्रायल का शुभारंभ कर दिया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को ‘वर्ल्ड हाइड्रोजन इंडिया’ कार्यक्रम के दूसरे दिन इस परियोजना की शुरुआत की, जिससे देश में हाइड्रोजन ईंधन आधारित परिवहन को गति मिलेगी।
हाइड्रोजन हाईवे का उद्देश्य और विस्तार
इस परियोजना का उद्देश्य लंबी दूरी के माल परिवहन को हाइड्रोजन ईंधन से संचालित करना है। इसके तहत रणनीतिक राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों पर हाइड्रोजन ईंधन भरने के स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। ट्रायल दो वर्षों तक चलेगा और इसमें फरीदाबाद, साहिबाबाद, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और आगरा जैसे प्रमुख मार्ग शामिल होंगे। ये मार्ग उद्योग क्लस्टर, बंदरगाहों और माल परिवहन गलियारों को जोड़ते हैं, जहां हाइड्रोजन ईंधन का तत्काल प्रभाव देखने को मिलेगा।
गडकरी ने कहा, “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है। हमने दुनिया के पहले बड़े पैमाने पर हाइड्रोजन ट्रक परीक्षणों की शुरुआत की है।” उन्होंने बताया कि दस मार्गों पर पांच समूहों के लिए 500 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है, जिसमें 37 वाहन भाग ले रहे हैं।

ईंधन स्टेशनों की स्थापना और भागीदार कंपनियां
इन परीक्षणों के लिए नौ हाइड्रोजन ईंधन भरने के स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। ये गलियारे भारत के पहले हाइड्रोजन हाईवे के रूप में कार्य करेंगे और स्वच्छ, लंबी दूरी की गतिशीलता के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेंगे।
इस परियोजना में कई प्रमुख उद्योग भागीदार शामिल हैं, जिनमें टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, वोल्वो, बीपीसीएल, आइओसीएल, एनटीपीसी और रिलायंस जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों के सहयोग से भारत में हाइड्रोजन ईंधन आधारित परिवहन को व्यवहारिक और व्यावसायिक रूप से सफल बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है।

देशभर में हाइड्रोजन मार्गों का विस्तार
गडकरी ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर के अलावा भुवनेश्वर, कोणार्क, पुरी, वडोदरा, सूरत, पुणे, मुंबई, जमशेदपुर, कालिंग, तिरुवनंतपुरम, जामनगर, अहमदाबाद, कोच्चि और विशाखापत्तनम जैसे शहरों को भी हाइड्रोजन मार्गों से जोड़ा जाएगा। इससे देशभर में स्वच्छ ऊर्जा आधारित परिवहन नेटवर्क का विस्तार होगा।

रोजगार और निवेश की संभावनाएं
गडकरी ने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य 2030 तक प्रति वर्ष 50 लाख टन ‘ग्रीन हाइड्रोजन’ का उत्पादन करना है। इस लक्ष्य को हासिल करने से छह लाख नौकरियों का सृजन होगा और लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया जा सकेगा। यह न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी होगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगा।
ऊर्जा क्षेत्र में क्रांति की शुरुआत
भारत में हाइड्रोजन हाईवे का ट्रायल देश के ऊर्जा और परिवहन क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम है। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे रोजगार, निवेश और तकनीकी नवाचार को भी बढ़ावा मिलेगा। आने वाले वर्षों में यह परियोजना भारत को स्वच्छ ऊर्जा के वैश्विक नेतृत्व की ओर अग्रसर करेगी।

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