
उत्तराखंड के नैनीताल जिला पंचायत चुनाव के दौरान हुए विवाद और पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठे सवालों के बाद कुमाऊं पुलिस अब पूरी तरह से सतर्क हो गई है। प्रदेश के महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव का ऐलान होते ही छात्र राजनीति में सरगर्मियां तेज हो गई हैं, जिसके मद्देनजर आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिस को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यदि चुनाव के दौरान किसी भी तरह का बवाल या हंगामा हुआ तो संबंधित थानाध्यक्ष और चौकी प्रभारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आईजी के ये निर्देश छात्रों के बीच आपसी गुटबाजी और लड़ाई-झगड़े की हालिया घटनाओं के बाद आए हैं। डिग्री कॉलेजों में चुनाव लड़ने वाले संभावित दावेदारों ने अपना शक्ति प्रदर्शन शुरू कर दिया है, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो रहा है।
पुलिस की तैयारी, हुड़दंगियों को चिन्हित करने के निर्देश
पुलिस प्रशासन ने छात्रसंघ चुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। आईजी कुमाऊं ने एक उच्च-स्तरीय बैठक में पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे पहले ही उन हुड़दंगियों को चिन्हित करें, जो चुनाव के दौरान माहौल खराब कर सकते हैं। इसके साथ ही, पूर्व में हुई घटनाओं या आपसी प्रतिद्वंद्विता में शामिल रहे छात्रों के खिलाफ भी उचित कानूनी कार्रवाई की जाए।
आईजी अग्रवाल का कहना है कि हमारा उद्देश्य चुनाव में कोई विवाद न होने देना है। इसके लिए थानाध्यक्षों को पहले से ही सक्रिय रहना होगा और हर छोटी से छोटी घटना पर नजर रखनी होगी। यदि चुनाव के दिन कोई भी हंगामा होता है, तो इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से स्थानीय थाना और चौकी प्रभारी की होगी, और उनके विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
हल्द्वानी, रामनगर समेत अन्य कॉलेजों में सरगर्मियां तेज
गौरतलब है कि छात्रसंघ चुनाव आते ही कुमाऊं के सभी महाविद्यालयों में छात्र राजनीति अपने चरम पर पहुंच जाती है, और कई बार ये चुनाव हिंसक घटनाओं का कारण भी बन जाते हैं। पूर्व में हल्द्वानी, रामनगर और हल्दूचौड़ जैसे डिग्री कॉलेजों में चुनाव के दौरान विवाद की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इस बार पुलिस ने इन अप्रिय घटनाओं से बचने के लिए पहले से ही कमर कस ली है।
कुमाऊं के सबसे बड़े और सबसे अधिक छात्र संख्या वाले हल्द्वानी एमबीपीजी महाविद्यालय में तो अभी से चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। चुनाव से पहले ही पुलिस के जवानों को कॉलेज के गेट पर तैनात कर दिया गया है। पुलिस हर आने-जाने वाले छात्र की जांच कर रही है ताकि बाहर से कोई भी व्यक्ति कॉलेज में घुसकर अराजकता न फैला सके। यह रणनीति यह सुनिश्चित करने के लिए अपनाई गई है कि चुनाव प्रक्रिया सुचारू और निष्पक्ष रूप से चले।
इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि पुलिस विभाग अब कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। नैनीताल चुनाव के बाद मिली सीख और आईजी कुमाऊं की सख्त चेतावनी ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर शांतिपूर्ण चुनाव कराने की बड़ी जिम्मेदारी डाल दी है।

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