
बिहार में मतदाता सूची संशोधन (एसआईआर) और चुनावों में कथित धांधली को लेकर विपक्ष का ‘इंडिया’ ब्लॉक सोमवार को एक बार फिर सड़क पर उतरने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सांसद संसद भवन परिसर से भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) कार्यालय तक पैदल मार्च करेंगे। यह दूरी लगभग एक किलोमीटर होगी। इस दौरान विपक्षी सांसद चुनाव आयोग से मुलाकात कर अपनी शिकायतें और मांगें रखेंगे।
चुनाव आयोग से मुलाकात का समय मांगा
सूत्रों ने बताया कि ‘इंडिया’ ब्लॉक के नेताओं ने ईसीआई से मिलने के लिए औपचारिक समय भी मांगा है। विपक्ष का आरोप है कि बिहार में मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है। उनका कहना है कि यह लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ खिलवाड़ है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चाणक्यपुरी में ‘डिनर डिप्लोमेसी’
मार्च के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की ओर से विपक्षी सांसदों के लिए विशेष ‘डिनर’ का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित ताज पैलेस होटल में होगा, जिसमें ‘इंडिया’ ब्लॉक के सभी सांसदों के शामिल होने की संभावना है। यह दूसरी बार है जब इस मुद्दे पर कांग्रेस की ओर से डिनर मीटिंग बुलाई जा रही है। इससे पहले राहुल गांधी के आवास पर भी इसी विषय पर बैठक हो चुकी है, जिसमें विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से ‘वोट चोरी’ के खिलाफ लड़ने का संकल्प लिया था।
बड़े नेताओं की मौजूदगी
पहली बैठक में 25 दलों के प्रमुख नेता शामिल हुए थे, जिनमें मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा (एसपी) के शरद पवार, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, राजद के तेजस्वी यादव, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी, द्रमुक के तिरुचि शिवा और टी.आर. बालू, भाकपा के डी. राजा, माकपा के एम.ए. बेबी, एमएनएम प्रमुख कमल हासन और भाकपा (माले) के दीपांकर भट्टाचार्य शामिल थे।
‘वोट चोरी’ पर राहुल गांधी का प्रेजेंटेशन
पिछली बैठक में राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं के सामने ‘वोट चोरी’ पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन पेश किया था। उन्होंने दावा किया था कि चुनावी प्रक्रिया में सुनियोजित ढंग से गड़बड़ी की गई है। राहुल ने भाजपा और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत के आरोप भी लगाए थे और कहा था कि लोकतंत्र को बचाने के लिए विपक्ष को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा।
सोमवार का यह मार्च और डिनर बैठक, दोनों, बिहार में मतदाता सूची गड़बड़ी के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की रणनीति का हिस्सा माने जा रहे हैं। विपक्ष का मानना है कि इस आंदोलन से देशभर में चुनावी पारदर्शिता के सवाल को मजबूती मिलेगी।

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