
ग्रेटर नोएडा स्थित शारदा विश्वविद्यालय में छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या के मामले में विवि द्वारा गठित अंतरिम जांच समिति की रिपोर्ट अब अपने अंतिम चरण में है। सूत्रों के अनुसार, समिति ने अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे दिया है और इसे 28 जुलाई 2025 को पुलिस को सौंपा जाएगा। यह रिपोर्ट आत्महत्या के कारणों, संबंधित व्यक्तियों की भूमिका और विवि प्रशासन की प्रतिक्रिया पर प्रकाश डालती है।
मृतका के परिजनों से हुई पूछताछ
शुक्रवार शाम मृतका के माता-पिता और अन्य परिजन शारदा विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां जांच समिति ने उनसे विस्तृत पूछताछ की। इस दौरान परिजनों के बयान लिखित रूप में दर्ज किए गए।
ज्योति के माता-पिता ने समिति को बताया कि आत्महत्या से कुछ दिन पहले ही उन्होंने संबंधित प्रोफेसर से मानसिक उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकायत की थी, लेकिन विवि प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। परिजनों का आरोप है कि प्रशासन की लापरवाही ने उनकी बेटी को गहरी मानसिक पीड़ा दी, जिससे वह आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर हुई।
कॉल डिटेल रिकॉर्ड में नहीं मिला संदेह
जांच के दौरान छात्रा का कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) भी खंगाला गया, जिसमें कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं पाई गई। इसका मतलब है कि आत्महत्या से पूर्व छात्रा की किसी बाहरी व्यक्ति से कोई अप्राकृतिक बातचीत या संपर्क नहीं हुआ था। यह पहलू आत्महत्या के कारणों को विवि परिसर तक सीमित करने की दिशा में संकेत देता है।
छात्रों, फैकल्टी और अन्य से की गई पूछताछ
जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार करने से पहले कई छात्रों, फैकल्टी सदस्यों और संबंधित स्टाफ से पूछताछ की है। रिपोर्ट में उन परिस्थितियों का उल्लेख है, जिनके चलते छात्रा ने यह दुखद कदम उठाया। इसके साथ ही, कुछ लोगों की भूमिका पर भी संदेह जताया गया है, जिन्हें आगे की जांच में पुलिस गंभीरता से देख सकती है।
पुलिस करेगी रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई
28 जुलाई को जब यह रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी, तब आगामी कार्रवाई की दिशा स्पष्ट होगी। यदि रिपोर्ट में किसी व्यक्ति या विभाग की लापरवाही सिद्ध होती है, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई संभव है। पुलिस रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज कर सकती है या नए सिरे से पूछताछ भी शुरू हो सकती है।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है मामला
यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में है। शीर्ष अदालत ने पहले ही उत्तर प्रदेश पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की थी। अदालत की इस निगरानी के कारण पूरे प्रकरण की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो रही है। अब सभी की नजरें विश्वविद्यालय की रिपोर्ट और इसके आधार पर होने वाली पुलिस कार्रवाई पर टिकी हैं।
शारदा विश्वविद्यालय की छात्रा ज्योति शर्मा की आत्महत्या मामले में 28 जुलाई बेहद अहम दिन है। यह रिपोर्ट न केवल आत्महत्या की परिस्थितियों को उजागर करेगी, बल्कि उन लोगों की पहचान भी संभव बनाएगी, जिनकी लापरवाही ने एक होनहार छात्रा की जान ले ली। अब यह देखना बाकी है कि पुलिस और अदालत इस मामले में कितनी सख्ती दिखाते हैं और न्याय कितनी जल्दी होता है।

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