
ऐसा कहते हैं कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत यह होती है कि कानून सभी के लिए समान होता है—चाहे वह आम नागरिक हो या किसी मंत्री का संबंधी। आंध्र प्रदेश में हुई हालिया घटना इसी सिद्धांत की एक मिसाल बन गई है। राज्य के सड़क एवं भवन निर्माण मंत्री बी.सी. जनार्दन रेड्डी के चचेरे भाई बोब्बाला मदन भूपाल रेड्डी को पुलिस कांस्टेबल को थप्पड़ मारने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्यवाही तेज़ी से हुई और कानून के दायरे में रहकर न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान बढ़ा।
घटना गुरुवार को लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर के उद्घाटन समारोह के दौरान हुई। कांस्टेबल जसवंत कुमार मंदिर के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को संभाल रहे थे। जब उन्होंने कार्यक्रम के एक प्रतिबंधित क्षेत्र में भूपाल रेड्डी के प्रवेश पर आपत्ति जताई, तो रेड्डी ने कथित तौर पर उन्हें गाली दी और थप्पड़ मार दिया। यह पूरा दृश्य कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन सक्रिय हो गया।
कानून का त्वरित हस्तक्षेप
वीडियो के वायरल होने के कुछ ही घंटों बाद, स्थानीय पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत भूपाल रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। आरोपों में सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने, गाली-गलौज और मारपीट जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं।
गिरफ्तारी की रफ्तार ने यह स्पष्ट कर दिया कि आंध्र प्रदेश सरकार ‘कानून से ऊपर कोई नहीं’ की नीति पर मजबूती से कायम है। यह घटना राजनीतिक प्रभाव के बावजूद निष्पक्ष कार्रवाई का उदाहरण बन गई है।
सरकार और विपक्ष की प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री नारा लोकेश ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “इस प्रकार का आचरण किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है। कानून अपना काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
वहीं विपक्षी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर टीडीपी सरकार पर निशाना साधा, लेकिन यह बात भी सामने आई कि सरकार ने मामले को दबाने की कोशिश नहीं की। बल्कि त्वरित गिरफ्तारी कर एक स्पष्ट संदेश दिया कि कानून का शासन प्राथमिकता है, न कि राजनीतिक संबंध।
पुलिस प्रशासन की सराहना
इस पूरे प्रकरण में पुलिस विभाग की तत्परता और निष्पक्षता की सराहना हो रही है। कांस्टेबल जसवंत कुमार ने न सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई, बल्कि कानून के सम्मान की मिसाल पेश की। पुलिस द्वारा बिना दबाव के कार्रवाई करने से आम जनता में सुरक्षा और भरोसे की भावना भी मजबूत हुई है।
भूपाल रेड्डी की गिरफ्तारी यह साबित करती है कि राज्य में कानून व्यवस्था मजबूत है और राजनीतिक दखल से परे रहकर काम किया जा रहा है। यह घटना केवल एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों, पारदर्शिता और जवाबदेही की पुन: पुष्टि है। यह एक अच्छा संकेत है कि भारत में अब कानून की कसौटी पर हर व्यक्ति को परखा जाएगा—फिर चाहे वह किसी मंत्री का भाई ही क्यों न हो।

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