
बिहार के मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के वरिष्ठ नेता अशोक चौधरी ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के गठबंधन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब तक राहुल गांधी राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ रहेंगे, तब तक कांग्रेस पार्टी का भला नहीं हो सकता। चौधरी, जो पहले बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं, ने दावा किया कि कांग्रेस न केवल अपने रास्ते से भटक चुकी है, बल्कि वह “पथभ्रष्ट” भी हो गई है।
‘लालू के साथ गठबंधन ने कांग्रेस को भटकाया’
अशोक चौधरी ने अपने बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्होंने कहा, “जिस दिन से सीताराम केसरी ने लालू यादव के साथ कांग्रेस का गठबंधन कराया है, कांग्रेस न सिर्फ अपना पथ भूल चुकी है, बल्कि बिहार में पथभ्रष्ट भी हो चुकी है।” चौधरी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जिस लालू यादव के लिए एक समय अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी थी, आज उन्हीं के साथ बिहार में सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत से लगे हुए हैं।
‘जनता भीड़ से नहीं, विश्वास से साथ आती है’
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में उमड़ रही भीड़ के दावों पर भी अशोक चौधरी ने तंज कसा। उन्होंने कहा कि भीड़ का चुनावी नतीजों से कोई सीधा संबंध नहीं होता। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के पटना दौरे का उदाहरण दिया, जहां गांधी मैदान में चार से साढ़े चार लाख की सबसे बड़ी भीड़ जुटी थी, लेकिन उस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा था। उन्होंने कहा, “जनता जिसके साथ होती है, उसे विजयी बनाती है।”
चौधरी ने लालू यादव पर गठबंधन के साथियों के साथ ईमानदार न रहने का आरोप भी लगाया, जबकि नीतीश कुमार को गठबंधन के प्रति हमेशा ईमानदार बताया।
‘राहुल गांधी को बिहार की चिंता अब क्यों?’
अशोक चौधरी ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर कहा कि अगर राहुल गांधी को बिहार की इतनी ही चिंता थी, तो उन्हें पहले बिहार का दौरा करना चाहिए था। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि यदि वे खुद बिहार में सक्रियता दिखाते हैं तो कांग्रेस की स्थिति कुछ सुधर सकती है, अन्यथा पार्टी का कोई उपाय नहीं है।
अशोक चौधरी का यह बयान बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर के अंतर्विरोधों को भी दर्शाता है। यह दिखाता है कि जदयू, जो भाजपा के साथ सत्ता में है, कांग्रेस-राजद गठबंधन को लेकर कितना चिंतित है। चौधरी के बयान से यह भी संकेत मिलता है कि जदयू भविष्य में कांग्रेस को बिहार में कमजोर करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या यह जुबानी जंग आगामी बिहार चुनावों में एक प्रमुख मुद्दा बन पाती है।

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