
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। महागठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ और उसके नेताओं के बीच के कथित मतभेद ने सियासी गलियारों में बहस छेड़ दी है। जनता दल (यूनाइटेड) के महासचिव मनीष कुमार वर्मा ने हाल ही में एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कई तीखे सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की यात्रा को महज एक ‘बहाना’ और ‘दिखावा’ बताया।
राहुल गांधी की यात्रा पर सवाल: ‘जन नायक’ के अपमान का आरोप
मनीष वर्मा ने राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को लेकर कहा कि इसका जमीनी स्तर पर कोई खास असर नहीं है। उन्होंने कहा, “यह बहाना है। वह पहले भी देश में कई यात्राएं निकाल चुके हैं, तो एक वोटर अधिकार यात्रा का बहाना लेकर यात्रा कर रहे हैं।” वर्मा ने इस यात्रा के दौरान राहुल गांधी को ‘जन नायक’ बताए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा, “मैं समस्तीपुर गया था, लोगों से मिला, और लोगों में बड़ा आक्रोश है। लोग कह रहे हैं कि बिहार में जन नायक की पदवी कर्पूरी ठाकुर को दी गई है और यह पद जनता ने दिया है।” वर्मा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी कर्पूरी ठाकुर की पदवी छीनने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि वे अति पिछड़ों का सम्मान नहीं करते। यह बयान जदयू की उस रणनीति को दर्शाता है, जिसमें वह पिछड़ों और अति पिछड़ों के बीच अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखना चाहती है।
विपक्ष पर ‘संविधान विरोधी’ होने का आरोप
वर्मा ने ‘वोटर अधिकार यात्रा’ में एम.के. स्टालिन और एस. रेड्डी जैसे नेताओं की भागीदारी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ये लोग संविधान के खिलाफ काम करने वाले लोग हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने बिहारियों के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए हैं। वर्मा ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान में देश के किसी भी कोने में रहने और काम करने का अधिकार दिया है, और ऐसे में इस तरह के बयान देने वाले नेताओं के साथ घूमना जनता को पसंद नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ये सब देख रही है और इसका जवाब वह चुनाव में देगी।
महागठबंधन नेतृत्वविहीन और तेजस्वी की स्थिति
मनीष वर्मा ने ‘इंडिया’ गठबंधन को ‘नेतृत्वविहीन’ बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव का नाम क्यों घोषित नहीं कर रहे हैं, इसका मतलब है कि गठबंधन के भीतर मतभेद हैं। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव को महागठबंधन का एक धड़ा नेता नहीं मान रहा। लोग स्वाभाविक रूप से तेजस्वी यादव को नेता नहीं मानते।” वर्मा ने यह भी कहा कि कांग्रेस खुद तेजस्वी को नेता घोषित करने से बच रही है।

तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच कथित मनमुटाव पर वर्मा ने कहा कि यह उनके घर का मामला है, लेकिन “नेतृत्व क्षमता की बात तो घर से ही शुरू होती है।” उन्होंने कहा, “जब आप भाई को साथ लेकर नहीं चल सकते, तो बिहार को साथ लेकर क्या चलेंगे?” यह बयान महागठबंधन के भीतर चल रही अंदरूनी कलह पर सीधे तौर पर हमला है।
नीतीश के बेटे निशांत पर बयान और प्रशांत किशोर पर हमला
निशांत कुमार के राजनीति में आने की अटकलों पर वर्मा ने कहा कि वह एक पढ़े-लिखे और समझदार युवा हैं, और उनके पिता के राजनीतिक अनुभव का फायदा उन्हें मिलेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि निशांत कब और कैसे राजनीति में आएंगे, यह उनका निजी फैसला होगा।
प्रशांत किशोर पर बोलते हुए वर्मा ने उन्हें ‘चुनौती’ मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर एक रणनीतिकार हैं, राजनीतिक व्यक्ति नहीं। वर्मा ने कहा कि उनके पास कोई विचारधारा नहीं है और वह अविश्वसनीय व्यक्ति हैं। उन्होंने प्रशांत किशोर के शराबबंदी खत्म करने के बयान पर भी सवाल उठाया और कहा कि जो व्यक्ति गांधी की तस्वीर लगाकर ऐसा बयान दे, वह गांधी को बदनाम कर रहा है।
कुल मिलाकर, जदयू महासचिव मनीष वर्मा का यह बयान महागठबंधन पर एक सीधा हमला है। उन्होंने ‘इंडिया’ गठबंधन को नेतृत्वविहीन, ‘वोटर अधिकार यात्रा’ को दिखावा और उसके नेताओं को संविधान विरोधी बताया है। यह स्पष्ट है कि जदयू, बिहार में अपनी राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए विपक्ष पर तीखे हमले कर रही है।

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