
झारखंड के दिवंगत शिक्षा एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन को शनिवार सुबह झारखंड विधानसभा में राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। विधानसभा परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो, नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी, संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर समेत राज्य सरकार के कई मंत्री, विधायक और सांसद मौजूद रहे। सभी ने दिवंगत मंत्री के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
राज्यपाल बोले- अपूरणीय क्षति
राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि रामदास सोरेन का असामयिक निधन झारखंड की राजनीति और समाज दोनों के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि “मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि दिवंगत आत्मा को शांति और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति मिले।” राज्यपाल ने अपने सोशल मीडिया संदेश में भी लिखा कि सोरेन की सादगी और समर्पण को सदैव याद किया जाएगा।

दिल्ली में हुआ निधन, विधानसभा में दी गई विदाई
55 वर्षीय रामदास सोरेन का शुक्रवार देर रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया था। करीब 12 दिन पहले उन्हें ब्रेन स्ट्रोक के बाद भर्ती कराया गया था। शनिवार सुबह उनका पार्थिव शरीर विशेष विमान से रांची लाया गया और सीधे विधानसभा परिसर ले जाया गया। वहां राजकीय सम्मान के बाद दोपहर में उनका अंतिम संस्कार पूर्वी सिंहभूम स्थित उनके पैतृक आवास पर किया जाएगा।
‘आदिवासी समाज का सच्चा सिपाही’
राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि रामदास सोरेन सिर्फ एक जननेता ही नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के सच्चे सिपाही थे। उन्होंने झारखंड आंदोलन से लेकर गरीबों और पिछड़ों के अधिकारों के लिए लगातार संघर्ष किया। महुआ माजी ने कहा कि “उनका जाना झामुमो और पूरे राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है। उनकी रिक्तता को भरना आसान नहीं होगा।”
विपक्ष और सत्तापक्ष दोनों ने जताया शोक
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “रामदास सोरेन का निधन प्रदेश की राजनीति और समाज दोनों के लिए बड़ा नुकसान है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को धैर्य दें।”
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शोक संदेश में लिखा कि बाबा वैद्यनाथ से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शांति और परिजनों को शक्ति प्रदान करें। वहीं, पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि सोरेन की जनसेवा और योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने उन्हें आदिवासी समाज का सच्चा चेहरा बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सादगी और ईमानदारी उन्हें आम नेताओं से अलग करती थी। सहाय ने यह भी कहा कि “राज्य अभी शिबू सोरेन की क्षति से उबरा भी नहीं था कि एक और जननेता का जाना बेहद दुखद है।”

जमीन से जुड़े नेता
भाजपा के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रवींद्र राय ने कहा कि रामदास सोरेन जमीन से जुड़े हुए नेता थे। शिक्षा मंत्री के रूप में उन्होंने सदैव ईमानदारी से अपनी जिम्मेदारी निभाई। वहीं, मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सोरेन का जाना पूरे राज्य के लिए गहरी चोट है।
अंतिम संस्कार में उमड़ेगा जनसैलाब
रामदास सोरेन के निधन की खबर के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। उनके पैतृक आवास पूर्वी सिंहभूम में अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे। झामुमो कार्यकर्ताओं और आम जनता में गहरा दुख है।

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