
दक्षिण भारत के सुपरस्टार और मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) पार्टी के अध्यक्ष कमल हासन अब अपने राजनीतिक करियर के एक नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहे हैं। शुक्रवार को वह राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए दिल्ली रवाना हुए। उन्हें डीएमके गठबंधन की ओर से राज्यसभा के लिए नामित किया गया है।
“यह सम्मान और जिम्मेदारी दोनों है”
दिल्ली रवाना होने से पहले चेन्नई एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कमल हासन ने कहा,
“मैं जनता की शुभकामनाओं के साथ दिल्ली जा रहा हूं। राज्यसभा की शपथ लेना मेरे लिए सम्मान की बात है। एक भारतीय नागरिक के तौर पर यह मेरा कर्तव्य है, जिसे मैं गर्व से निभाऊंगा।”
पत्रकारों से संवाद के दौरान उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे वे उन्हें सिर्फ इंटरव्यू के लिए नहीं, बल्कि विदा करने भी आए हैं, जिसके लिए उन्होंने आभार जताया।
पहले भाषण को लेकर चुप्पी
जब उनसे यह पूछा गया कि वे राज्यसभा में अपने पहले भाषण में कौन सा मुद्दा उठाएंगे, तो हासन ने साफ कहा कि अभी इस पर बात करना उचित नहीं होगा। उन्होंने अपने विचारों को बाद में साझा करने की बात कहते हुए कहा कि- “मुझे अभी यह नहीं बताना चाहिए कि मेरा पहला भाषण किस विषय पर होगा।”
छह वर्षों की स्पष्ट राजनीतिक दिशा
कमल हासन ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही उन्होंने अपने पहले भाषण का विषय नहीं बताया हो, लेकिन उनकी राजनीतिक दिशा स्पष्ट रही है। उन्होंने कहा- “अगर आप मेरी छह साल की यात्रा को देखें, तो समझ सकते हैं कि मैं कहां जा रहा हूं।”
उन्होंने 2018 में एमएनएम पार्टी की स्थापना से लेकर अब तक की यात्रा को निश्चित उद्देश्य और विचारधारा से जुड़ा बताया।
सामाजिक और सांस्कृतिक अनुभव राज्यसभा में ला सकते हैं नई दृष्टि
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कमल हासन की सिनेमा, साहित्य और समाज सेवा की पृष्ठभूमि उन्हें संसद में एक विचारशील, संवेदनशील और विविधतापूर्ण दृष्टिकोण रखने वाला नेता बनाएगी। जनता से जुड़ने के उनके अनुभव और उनकी साफ राजनीतिक सोच राज्यसभा की बहसों को एक नया आयाम दे सकते हैं।
कमल हासन का संसद में प्रवेश न केवल उनके लिए एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह संकेत भी देता है कि भारतीय राजनीति में सांस्कृतिक और सामाजिक सोच से लैस चेहरों की जरूरत अब और अधिक महसूस की जा रही है।

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