
केरल विश्वविद्यालय एक बार फिर गंभीर विवादों के घेरे में आ गया है। विश्वविद्यालय के कुलपति मोहनन कुन्नुमल ने आरोप लगाया है कि कुछ असामाजिक तत्व बाहुबल का इस्तेमाल कर विश्वविद्यालय पर कब्जा जमाने की कोशिश कर रहे हैं। कुलपति ने दावा किया कि सत्तारूढ़ वामपंथी दल से जुड़े छात्र और युवा संगठन उन्हें धमका रहे हैं और विश्वविद्यालय के सामान्य प्रशासन को बाधित कर रहे हैं।
कर्मचारियों को दी जा रही धमकी
कुलपति ने साफ कहा कि विश्वविद्यालय के कंप्यूटर सेंटर और अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को भी डराया-धमकाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “कर्मचारियों को धमकी दी जा रही है कि अगर वे मेरे निर्देशों का पालन करेंगे या मुझे जरूरी फाइलें भेजेंगे तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।” कुलपति ने इसे विश्वविद्यालय में कानून-व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि बाहुबल से विश्वविद्यालय को नियंत्रित करने का प्रयास निंदनीय है।
परिसर में कदम रखने पर हमले की धमकी
कुलपति ने आरोप लगाया कि वामपंथी-प्रभुत्व वाले सिंडिकेट और उनके छात्र संगठन उन्हें परिसर में आने पर शारीरिक हमले की धमकी दे रहे हैं। हाल ही में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया था और कुलपति के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। प्रदर्शनकारियों ने यहां तक कहा कि कुलपति को परिसर में कदम रखने नहीं दिया जाएगा।
रजिस्ट्रार के निलंबन से बढ़ा तनाव
इस पूरे विवाद की जड़ में विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार केएस अनिल कुमार का निलंबन भी है। दरअसल, रजिस्ट्रार ने सीनेट हॉल में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के एक निजी कार्यक्रम को रद्द करने का नोटिस जारी किया था। इस कार्यक्रम में भारत माता का चित्र और भगवा ध्वज प्रदर्शित किया गया था। इसके बाद कुलपति ने रजिस्ट्रार को निलंबित कर दिया। इसी मुद्दे पर वामपंथी छात्र संगठन भड़क उठे और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए।

‘हिंसा से बचने के लिए नहीं जा रहा परिसर में’
कुलपति ने कहा कि उन्हें परिसर में जाने से डर नहीं है लेकिन वह हिंसा को टालना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “अगर मैं जाऊंगा तो हिंसा होगी, पुलिस लाठीचार्ज करेगी और छात्रों व पुलिसकर्मियों को चोट लगेगी। एक डॉक्टर होने के नाते मेरा मानना है कि रोकथाम इलाज से बेहतर है।” हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि जरूरत पड़ने पर पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।
रजिस्ट्रार पर भी लगाए गंभीर आरोप
कुलपति कुन्नुमल ने निलंबित रजिस्ट्रार पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्होंने सिंडिकेट सदस्यों और वामपंथी छात्र संगठनों के समर्थन से अवैध रूप से कार्यालय में प्रवेश किया। कुलपति ने यह भी कहा कि सिंडिकेट ने रजिस्ट्रार का निलंबन रद्द कर दिया है लेकिन यह फैसला नियमों के खिलाफ है।
फिलहाल केरल विश्वविद्यालय में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन इस टकराव को कैसे सुलझाएंगे ताकि विश्वविद्यालय का शैक्षिक माहौल सामान्य रह सके।

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