
कांग्रेस की केरल इकाई द्वारा बिहार की तुलना ‘बीड़ी’ से करने पर राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई बहस पर मशहूर शिक्षक खान सर ने करारा जवाब दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो भी नेता गलत बयानबाजी करते हैं, उन्हें हमारे पास भेजा जाए, हम उन्हें मात्र 99 रुपये में पढ़ा देंगे। शुक्रवार को मीडिया एजेंसी से बातचीत में, खान सर ने इस विवादित बयान पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया देने के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी अपनी राय रखी।
‘राजनीति पढ़ाते हैं, करते नहीं’
कांग्रेस की केरल इकाई द्वारा की गई टिप्पणी पर खान सर ने अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा, “हम राजनीति नहीं करते, हम राजनीति पढ़ाते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई नेता गलत तरीके से बोलता है तो उन्हें हमारे पास भेजिए, हम उन्हें पढ़ा देंगे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि जिन नेताओं में शिक्षा की कमी है, उन्हें महज 99 रुपये में राजनीति का पाठ पढ़ाया जाएगा और अगर उनके पास इतने पैसे भी नहीं होंगे तो उन्हें मुफ्त में पढ़ा देंगे।
खान सर ने स्पष्ट किया कि बिहार की तुलना ‘बीड़ी’ से करना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि जो भी ऐसा कर रहे हैं, उन्हें राजनीति सीखने की सख्त जरूरत है और हम उन्हें सिखाने के लिए तैयार हैं। उनका यह बयान बिहार और उसके सम्मान से जुड़ा हुआ है, जिससे यह साफ होता है कि वे अपने राज्य के खिलाफ किसी भी तरह के अपमानजनक बयान को स्वीकार नहीं करेंगे।
जीएसटी सुधारों पर पीएम मोदी को धन्यवाद
खान सर ने जीएसटी से जुड़े हालिया सुधारों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री मोदी जी के इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने के लिए आभारी हैं।” उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि सरकार ने जहाँ एक तरफ लग्जरी सामानों पर जीएसटी बढ़ाया, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी कुछ चीजों पर इसे कम किया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि 26 जनवरी तक, जब जीएसटी का मुद्दा फिर से उठेगा, तो शिक्षा पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी को या तो घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाएगा या फिर इसे पूरी तरह से हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह हमारी गुजारिश है और हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी इसे जरूर सुनेंगे।” खान सर ने बताया कि वे पिछले एक साल से शिक्षा पर जीएसटी के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे और हर जगह इसकी बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का धन्यवाद है कि उन्होंने शिक्षा और विशेषकर इंश्योरेंस पर जीएसटी कम किया।
शिक्षक दिवस पर विशेष संदेश
शिक्षक दिवस के मौके पर खान सर ने छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने छात्रों से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की। वहीं, उन्होंने शिक्षकों से यह आग्रह किया कि वे शिक्षा को सिर्फ एक व्यवसाय न बनाएं। उन्होंने भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का उदाहरण देते हुए कहा कि “सर्वपल्ली राधाकृष्णन को देखिए, उन्होंने शिक्षा को कभी व्यापार नहीं बनाया।”
खान सर का यह संदेश आज के दौर में काफी प्रासंगिक है, जहाँ शिक्षा का व्यवसायीकरण एक बड़ा मुद्दा बन गया है। वे छात्रों और शिक्षकों दोनों को अपनी-अपनी भूमिकाओं के महत्व को समझने और नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
इस पूरे बयान से यह स्पष्ट है कि खान सर न सिर्फ एक शिक्षक हैं, बल्कि वे सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी बेबाक राय रखते हैं। उनका यह रुख उन्हें युवाओं के बीच और भी लोकप्रिय बनाता है।

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खान सर को जरूर एक कोर्स नेताओं के लिए तैयार करना चाहिए..ताकि उनको बोलने का सहूर सिखाया जा सके..
जरूर एक अच्छा कोर्स बनाना चाहिए, ताकि बड़बोले नेताओं को सहूर सिखाया जा सके।