
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा ‘वोट चोरी’ का मुद्दा उठाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बिहार चुनाव से ध्यान भटकाने की रणनीति बताया।
हरियाणा का मुद्दा क्यों.. बिहार में क्या बचा नहीं?
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “बिहार में मतदान है, लेकिन आज राहुल गांधी हरियाणा की कहानी सुना रहे थे। इससे साफ है कि बिहार में तो मुद्दा बचा ही नहीं, इसलिए ध्यान भटकाने के लिए हरियाणा का मुद्दा गढ़ा जा रहा है।”

रिजिजू ने राहुल गांधी के पुराने बयानों और आचरणों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि “पिछले संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी, एक महिला की तस्वीर टी-शर्ट पर छपवाकर पूरे संसद परिसर में घूमते रहे और उसके नाम को उछाला। शाम तक उस महिला ने ही राहुल गांधी को कड़ी फटकार लगाई। और अब, अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी फिर से प्रेस वार्ता कर रहे हैं।”
हार स्वीकार करने की संस्कृति
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस को लोकतंत्र में हार और जीत दोनों को स्वीकार करने की संस्कृति याद दिलाई। उन्होंने 2004 के चुनाव का उदाहरण देते हुए कहा, “2004 के चुनाव के दौरान भी एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल भाजपा और एनडीए को जिता रहे थे, लेकिन मतगणना के नतीजों में एनडीए हार गई। हमने परिणाम को स्वीकार किया और यूपीए को बधाई दी, लेकिन हमने चुनाव आयोग को गाली नहीं दी।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस का रवैया दोहरा है: “एग्जिट पोल जब कांग्रेस के पक्ष में होता है, तब वाहवाही करते हैं और जब विरोध में जाता है, तब मीडिया को गाली देते हैं।” रिजिजू ने कांग्रेस को लोकतंत्र में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के प्रति सम्मान रखने की नसीहत दी।
कांग्रेस की हार का असली कारण: आंतरिक कलह
किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को खारिज करने के लिए कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों का सहारा लिया। उन्होंने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा की टिप्पणी का जिक्र किया। रिजिजू ने कहा, “हरियाणा में चुनाव चल रहा था, तब कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने खुद कहा था कि कांग्रेस वहां नहीं जीत पाएगी, क्योंकि उसके अपने नेता ही पार्टी को हराना चाहते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री ने भी इस्तीफा देकर साफ कहा था कि कांग्रेस हरियाणा में इसलिए हारी क्योंकि उसके नेता ही जमीन पर काम नहीं कर रहे थे। उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने माना था कि पार्टी में ग्रासरूट स्तर पर तालमेल ही नहीं है।
रिजिजू ने सवाल दागते हुए कहा, “फिर कांग्रेस कैसे जीत सकती है? उनके अपने नेता कह रहे हैं कि कांग्रेस अपनी वजह से हारी है, जबकि राहुल गांधी का ये कहना कि वो वोट चोरी से हारे, इस पर आखिर कौन भरोसा करेगा?” यह पलटवार कांग्रेस की आंतरिक कलह को चुनावी बहस के केंद्र में लाने की भाजपा की रणनीति को दर्शाता है।
देश विरोधी षड्यंत्र का आरोप
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने राहुल गांधी पर केवल राजनीतिक आरोप नहीं लगाए, बल्कि उन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी कभी ‘जेन-जी’ को उकसाने की बात करते हैं। कभी वे देश को बदनाम करने का खेल खेलते हैं। वे देशविरोधी ताकतों के साथ मिले हुए हैं और उनके साथ मिलकर षड्यंत्र रच रहे हैं।” यह बयान भाजपा के उस नैरेटिव को मजबूत करता है, जिसमें वह राहुल गांधी को राष्ट्रीय हितों के विपरीत खड़ा दिखाने का प्रयास करती है।

गांव से लेकर देश की राजनीतिक खबरों को हम अलग तरीके से पेश करते हैं। इसमें छोटी बड़ी जानकारी के साथ साथ नेतागिरि के कई स्तर कवर करने की कोशिश की जा रही है। प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक की राजनीतिक खबरें पेश करने की एक अलग तरह की कोशिश है।



