
महाराष्ट्र में दही-हांडी के उत्सव के बीच राजनीतिक बयानबाजियां भी जोर-शोर से चल रही हैं। धुले में उत्तर महाराष्ट्र की सबसे बड़ी दही-हांडी के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गिरीश महाजन ने आगामी महानगरपालिका चुनावों को लेकर बड़ा दावा किया है। ‘जय श्रीकृष्ण संस्कृति मंडल’ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों की ‘दही-हांडी’ केवल महायुति ही फोड़ेगी।
सभी महानगरपालिकाओं पर कब्जा करने का दावा
मीडिया से बात करते हुए मंत्री गिरीश महाजन ने कहा कि चाहे पुणे, मुंबई, ठाणे या नासिक हो, हम सभी महानगरपालिकाओं पर निश्चित रूप से कब्जा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार भी सभी जिला परिषदें और नगर पालिकाएं महायुति के रूप में ही जीतेंगे। महाजन ने कहा, “विपक्ष कितने भी स्तर (थर) बना ले, लेकिन हम एक-एक स्तर पर चढ़कर यह दही-हांडी फोड़ेंगे।” उनके इस बयान से साफ है कि भाजपा और उसके सहयोगी दल आगामी निकाय चुनावों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं और अपनी जीत सुनिश्चित मान रहे हैं।
संजय राउत को दिया करारा जवाब
इस कार्यक्रम से पहले शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गिरीश महाजन पर तंज कसते हुए कहा था कि ‘आप प्रमोद महाजन नहीं, आप जामनेर के गिरीश महाजन हैं’। इस पर पलटवार करते हुए गिरीश महाजन ने कहा कि प्रमोद महाजन और मेरी बराबरी नहीं हो सकती। मैं संजय राउत की तरह सिर्फ मुंह से हवाबाजी नहीं करता। महाजन ने राउत को खुली चुनौती देते हुए कहा, “संजय राउत उत्तर महाराष्ट्र में आकर दिखाएं और कोई एक महानगरपालिका जीतकर दिखाएं।” उन्होंने कहा कि वे सिर्फ हवा में बातें नहीं करते, बल्कि काम करके दिखाते हैं।
मुंबई के अलग होने की अफवाहों को किया खारिज
अपने संबोधन के दौरान मंत्री गिरीश महाजन ने मुंबई को लेकर विपक्ष द्वारा समय-समय पर फैलाई जाने वाली अफवाहों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हर चुनाव के समय यह बयान आता है कि मुंबई अलग हो जाएगी या गुजरात के कब्जे में चली जाएगी। महाजन ने इन सभी बातों को निराधार बताया और कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में राज्य में लगातार विकास का काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार राज्य के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और विपक्ष को इस तरह की झूठी बातों से बाज आना चाहिए।
गिरीश महाजन का यह बयान दर्शाता है कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में और भी गरमाहट देखने को मिल सकती है। जहां एक ओर महायुति अपनी जीत का दावा कर रही है, वहीं विपक्ष भी अपनी रणनीति बनाने में लगा हुआ है। आने वाले निकाय चुनाव महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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