
महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव से ठीक पहले, शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक कृपाल तुमाने ने सनसनीखेज दावा किया है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) के सिर्फ दो विधायकों को छोड़कर, बाकी सभी उनके संपर्क में हैं और जल्द ही पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
कृपाल तुमाने ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “यूबीटी के विधायक संजय राउत के रवैये से तंग आ चुके हैं। यही वजह है कि उनके दो विधायकों को छोड़कर बाकी सभी हमारे संपर्क में हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मुंबई के 80 प्रतिशत पूर्व नगरसेवक भी शिंदे गुट के साथ जुड़ने को तैयार हैं। तुमाने ने दशहरा मेला के अवसर पर एक बड़े खुलासे और पार्टी में बड़े प्रवेश समारोह की संभावना का भी जिक्र किया, जो महाराष्ट्र की राजनीति में एक और बड़ा उलटफेर साबित हो सकता है।
महाविकास अघाडी सरकार की समाप्ति
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब महाराष्ट्र की राजनीति में 2022 की बगावत के बाद से उठापटक जारी है। उस समय, तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी, जिसके परिणामस्वरूप शिवसेना दो गुटों में बंट गई। शिंदे के साथ 39 अन्य विधायकों ने उद्धव का साथ छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन कर लिया, जिससे महाविकास अघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई। एमवीए में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद गुट) और कांग्रेस शामिल थीं।
शिंदे और उद्धव गुट के बीच तनातनी अब भी जारी है और बीएमसी चुनाव से पहले तुमाने का यह दावा निश्चित रूप से राज्य की सियासत में बड़े बदलाव का संकेत दे रहा है।

ठाकरे बंधुओं की एकता की पहली परीक्षा में असफलता
कृपाल तुमाने का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब लगभग 20 साल बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आए हैं, जिससे महाराष्ट्र के राजनीतिक समीकरण पहले ही बदल चुके हैं। हालांकि, उनकी एकता की पहली परीक्षा में उन्हें असफलता का सामना करना पड़ा है। हाल ही में हुए बेस्ट एम्प्लॉयीज को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में दोनों भाइयों की पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन वे एक भी सीट नहीं जीत पाए।
शिंदे गुट का यह दावा, जहां एक तरफ उद्धव ठाकरे के खेमे में और भी दरार पैदा कर सकता है, वहीं यह बीएमसी चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल को और भी गरमा देगा।

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