
मालेगांव बम धमाका मामले में एनआईए कोर्ट द्वारा सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ नेता सुरेश भैयाजी जोशी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह मामला एक सुनियोजित षड्यंत्र था, जिसे अब न्यायालय के फैसले ने उजागर कर दिया है। उन्होंने सरकार और जांच एजेंसियों से मांग की कि इस षड्यंत्र के पीछे जिनका हाथ था, उन्हें तलाशा जाए और सजा दी जाए।
“साध्वी की बात में सच्चाई है”
आरएसएस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि जब साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने जेल में उनके ऊपर दबाव बनाए जाने की बात कही है, तो उसमें सच्चाई होगी। उन्होंने कहा, “बहुत पहले से यह षड्यंत्र चल रहा था, और अब कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है। यह सरकार और जांच एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि वह इस षड्यंत्र के सूत्रधारों को ढूंढे और सच्चाई को सामने लाए।”
गौरतलब है कि मालेगांव धमाके के आरोपी बनाए गए सात लोगों को एनआईए कोर्ट ने हाल ही में सभी आरोपों से बरी कर दिया है। इनमें साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, जो वर्तमान में सांसद भी हैं, प्रमुख रूप से शामिल थीं। उन्होंने आरोप लगाया था कि जेल में रहते हुए उन पर बड़े नेताओं के नाम लेने का दबाव बनाया गया था।
“हिंदी जोड़ने वाली भाषा है”
महाराष्ट्र में जारी हिंदी और मराठी भाषा विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए जोशी ने कहा कि भारत की सभी भाषाएं हमारी अपनी हैं और सभी का सम्मान होना चाहिए। लेकिन देश को जोड़ने के लिए एक साझा भाषा आवश्यक है। उन्होंने कहा, “बहुत पहले से हमने कहा है कि देश को जोड़ने वाली भाषा हिंदी है। सभी भारतीय भाषाएं समान हैं, लेकिन संपर्क और एकता के लिए एक भाषा आवश्यक है।”
धर्मांतरण को बताया गंभीर समस्या
धर्मांतरण के मुद्दे पर बोलते हुए भैयाजी जोशी ने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है। नागालैंड और मिजोरम जैसे राज्यों में यह प्रक्रिया 200 से 250 सालों से चल रही है। हालांकि, उन्होंने इस पर खुशी जाहिर की कि अब ईसाई समाज के कुछ समूह धर्मांतरण के खिलाफ बोल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो लोग धर्मांतरण के तहत गए हैं, उन्हें हम घर वापस बुला रहे हैं। हम जनजागरण कर रहे हैं, समझा रहे हैं और उन्हें अपनी जड़ों की ओर लौटने को प्रेरित कर रहे हैं। जोशी ने धर्मांतरण के पीछे गरीबी, अज्ञानता और सामाजिक उपेक्षा को मुख्य कारण बताया और कहा कि इसे रोकने के लिए समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे।

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