
राज्यसभा में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और उनके परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। साथ ही उन्होंने सरकार की सुरक्षा नीति, खुफिया तंत्र और विदेश नीति पर सवालों की बौछार कर दी।
“सिर्फ 4 दिन में 27 नागरिक मारे गए, 70 घायल”
खड़गे ने कहा कि पाकिस्तानी फायरिंग में जम्मू के पुंछ और राजौरी में महज चार दिनों में 27 भारतीय नागरिक मारे गए, जिनमें 5 बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि सरकार समय रहते इन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा सकती थी, लेकिन कार्रवाई में देरी हुई और इसकी कीमत निर्दोष नागरिकों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।
“वीरांगनाओं को गिड़गिड़ाने वाली बताने वालों को बाहर निकालना चाहिए”
खड़गे ने भाजपा के एक राज्यसभा सांसद द्वारा दिए गए उस बयान की निंदा की, जिसमें पहलगाम में शहीदों की पत्नियों को ‘वीरांगनाओं की तरह व्यवहार न करने वाली’ कहा गया था। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, “पति के शव उठाने वाली महिलाओं पर ऐसी टिप्पणी शर्मनाक है। ऐसे नेताओं को कान पकड़कर सदन से बाहर निकाल देना चाहिए।”
“चीन की तरह अमेरिका ने युद्ध रोका, यह किसकी अनुमति से हुआ?”
खड़गे ने सवाल उठाया कि जब सरकार का दावा था कि भारत फ्रंट फुट पर है और पाकिस्तान घुटनों पर, तो फिर अचानक युद्धविराम की घोषणा क्यों और किसने की? उन्होंने कहा कि यह घोषणा प्रधानमंत्री, रक्षा या गृह मंत्री ने नहीं की, बल्कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वाशिंगटन से की। खड़गे ने कहा कि ट्रंप अब तक 29 बार यह दावा कर चुके हैं कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध रुकवाया।
“नो थर्ड पार्टी पॉलिसी का क्या हुआ?”
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि अगर ट्रंप ने मध्यस्थता की, तो यह भारत की ‘नो थर्ड पार्टी’ नीति के खिलाफ है। उन्होंने पूछा, “क्या यह हस्तक्षेप भारत की संप्रभुता का उल्लंघन नहीं है? और अगर ऐसा हुआ है, तो किन शर्तों पर?”
खुफिया तंत्र पर सवाल, गृहमंत्री से इस्तीफे की मांग
खड़गे ने कहा कि उरी, पठानकोट, पुलवामा और अब पहलगाम— इन सभी आतंकी हमलों ने बार-बार भारत की खुफिया और सुरक्षा व्यवस्था की विफलता को उजागर किया है। उन्होंने पूछा कि अगर गृह मंत्री जिम्मेदार हैं, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए, और अगर नहीं, तो प्रधानमंत्री क्या कार्रवाई कर रहे हैं?
“हमारे साथ कोई देश नहीं खड़ा, अमेरिका भी चुप”
खड़गे ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत के साथ कोई भी देश खुलकर खड़ा नहीं हुआ, न ही अमेरिका ने पाकिस्तान की स्पष्ट शब्दों में निंदा की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति मजबूत करने में असफल रही है।
खड़गे ने अंत में कहा, “हम देशहित में सरकार का समर्थन करते हैं, लेकिन जवाबदेही भी मांगते हैं। प्रधानमंत्री को इन सवालों के जवाब देने चाहिए: युद्धविराम किन शर्तों पर हुआ? ट्रंप का दावा कितना सच है? और क्या हमारी सुरक्षा नीति विफल हो रही है?”

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