
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सांसद मनोज झा ने रविवार को चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग की लापरवाही और बड़े पैमाने पर हो रही गलतियों से लाखों मतदाता प्रभावित हो रहे हैं। उनका यह बयान उस समय आया जब बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम विजय सिन्हा पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से मतदाता पहचान पत्र रखने का आरोप लगाया।
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि विजय सिन्हा के पास लखीसराय जिले के लखीसराय विधानसभा क्षेत्र और पटना जिले के बांकीपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र—दोनों के वोटर कार्ड मौजूद हैं। इसे लेकर उन्होंने चुनाव आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की।
मनोज झा ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यह स्पष्ट रूप से चुनाव आयोग की गलती है कि डिप्टी सीएम के आवेदन को समय पर हटाया नहीं गया। यही कारण है कि ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और इससे लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि पहले भी तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तरह के मामलों पर सवाल उठाए थे।
राजद सांसद ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में संशोधन और नाम विलोपन के अभियान के जरिए गरीब, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उनके अनुसार, “आयोग बिना स्पष्ट जानकारी दिए नाम हटा रहा है। कई मामलों में ईपीआईसी नंबर तक नहीं दिए जा रहे। असली सवाल यह है कि किसके इशारे पर यह फर्जी कवायद की जा रही है, और यही बात तेजस्वी यादव ने बिहार की जनता की ओर से उठाई है।”
विजय सिन्हा ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
तेजस्वी यादव के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने कहा कि झूठ और भ्रम फैलाकर राजनीति करने वालों को जनता हर बार जवाब देती है। उन्होंने कहा, “‘जंगलराज के युवराज’ तेजस्वी यादव ने मुझ पर दो ईपीआईसी नंबर रखने का आरोप लगाया है, लेकिन सच्चाई यह है कि मैं हमेशा एक ही जगह से वोट करता आया हूं और आगे भी करूंगा।”
सिन्हा ने स्पष्ट किया कि पहले उनका और उनके परिवार का नाम पटना (बांकीपुर) मतदाता सूची में था। अप्रैल 2024 में उन्होंने लखीसराय विधानसभा में नाम जुड़वाने और पटना से नाम हटवाने के लिए आवेदन किया। 30 अप्रैल 2024 को ऑनलाइन विलोपन फॉर्म भी भरा, लेकिन 27 जून 2024 को यह प्रशासनिक कारणों से रिजेक्ट हो गया। इसके बाद उन्होंने बीएलओ को बुलाकर लिखित आवेदन दिया, जिसकी रसीद उनके पास मौजूद है।
उन्होंने दावा किया कि पिछली बार भी उन्होंने केवल लखीसराय से ही वोट डाला था और चुनाव आयोग की ओर से हुई तकनीकी त्रुटि को राजनीतिक मुद्दा बनाना विपक्ष की आदत है।
इस विवाद ने बिहार की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है, जहां अब फोकस चुनाव आयोग की पारदर्शिता और मतदाता सूची की शुद्धता पर आ गया है।

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