
संसद के मानसून सत्र में अब तक के हंगामे के बीच बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि 28 जुलाई सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर लोकसभा में 16 घंटे और 29 जुलाई मंगलवार को राज्यसभा में 16 घंटे चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार चर्चा से भाग नहीं रही है और पूरी गंभीरता के साथ इस संवेदनशील मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है।
विपक्ष तय नहीं करेगा कौन बोलेगा
किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “संसद में सरकार की ओर से कौन बोलेगा, यह विपक्ष तय नहीं कर सकता, और विपक्ष की ओर से कौन बोलेगा, यह सरकार तय नहीं कर सकती।” उन्होंने यह बयान विपक्ष के उस रुख के जवाब में दिया जिसमें चर्चा की शर्तों और प्रवक्ताओं को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे।
एक साथ सभी मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं
संसदीय कार्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि संसद में एक साथ सभी मुद्दों पर चर्चा संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने बिहार में एसआईआर अभियान समेत कई विषय उठाए हैं, लेकिन पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी। इसके बाद बाकी मुद्दों की प्राथमिकता तय की जाएगी।
पहले सप्ताह में बाधित रही कार्यवाही
रिजिजू ने संसद के पहले सप्ताह में विपक्ष के रवैये की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के पहले दिन से ही कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों ने प्रदर्शन कर संसद की कार्यवाही बाधित की। पोस्टर-बैनर लेकर किए गए प्रदर्शनों से जनहित के कई जरूरी सवालों पर चर्चा नहीं हो सकी।
सभी दलों की सहमति से आगे बढ़ेगी संसद
उन्होंने जानकारी दी कि सभी दलों के नेताओं से बातचीत हो चुकी है और यह तय किया गया है कि सोमवार से संसद सुचारू रूप से चलेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे गंभीर विषय पर विपक्ष जिम्मेदारी से चर्चा करेगा।
महत्वपूर्ण नेताओं से हुई बातचीत
किरेन रिजिजू ने यह भी बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से उनकी बैठक हुई है। हालांकि उन्होंने यह कहकर विवरण साझा करने से इनकार कर दिया कि बातचीत की सामग्री सार्वजनिक नहीं की जा सकती।
न्यायिक प्रक्रिया पर भी सरकार गंभीर
रिजिजू ने बताया कि जस्टिस यशवंत वर्मा पर सरकार का विशेष ध्यान है और यह प्रयास किया जा रहा है कि सरकार और विपक्ष मिलकर मोशन लाएं। इससे यह स्पष्ट होता है कि संसद के भीतर भी न्यायिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों को लेकर समन्वय बनाया जा रहा है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर आगामी सप्ताह में होने वाली चर्चा को लेकर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान से यह स्पष्ट है कि सरकार गंभीर मुद्दों पर बहस के लिए पूरी तरह तैयार है। अब जिम्मेदारी विपक्ष की भी है कि वह सहयोग कर संसद को सुचारू रूप से चलने दे।

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