
उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायतीराज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को सोशल मीडिया के माध्यम से जान से मारने की धमकी दी गई है। इस मामले को लेकर बलिया जिले में सियासी हलचल बढ़ गई है। पुलिस ने करणी सेना के बलिया जिलाध्यक्ष कमलेश सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मामला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक से जुड़ा है। जानकारी के मुताबिक ‘करणी सेना बलिया’ नाम के एक फेसबुक पेज से कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर को गोली मारने की धमकी दी गई। यह पोस्ट जैसे ही सामने आया, सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव और ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरुण राजभर ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और तत्काल ट्वीट कर डीजीपी, एडीजी, डीआईजी और बलिया के एसपी को मामले से अवगत कराया। उन्होंने मांग की कि इस धमकी को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द आरोपियों पर कार्रवाई की जाए।
साइबर थाने को सौंपी गई जांच
पार्टी नेताओं ने इस मामले को लेकर बलिया नगर कोतवाली और रसड़ा कोतवाली में तहरीर दी। इसके बाद नगर कोतवाली के हेड कांस्टेबल पंकज पांडेय की तहरीर पर करणी सेना बलिया के जिलाध्यक्ष कमलेश सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धमकी देने के इस मामले की जांच साइबर थाने को सौंपी गई है। फिलहाल फेसबुक आईडी की सत्यता की भी जांच की जा रही है कि धमकी देने वाला अकाउंट असली है या फर्जी। पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं पर गहनता से छानबीन की जा रही है और जल्द ही तथ्य सामने आ जाएंगे।
जेड प्लस सुरक्षा की मांग
इधर, धमकी के बाद ओमप्रकाश राजभर के पुत्र अरुण राजभर ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर ओमप्रकाश राजभर को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। अरुण राजभर का कहना है कि उनके पिता राज्य के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें पहले भी राजनीतिक कारणों से धमकियां मिलती रही हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा बढ़ाना जरूरी है।
कमलेश सिंह ने दी अपनी सफाई
आरोप लगने के बाद करणी सेना बलिया के जिलाध्यक्ष कमलेश सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है। कमलेश सिंह का कहना है कि जिस फेसबुक पेज से धमकी दी गई है, वह फर्जी हो सकता है और उनका इससे कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा, “मंत्री जेड प्लस सुरक्षा लेने के लिए इस तरह का मामला बना रहे हैं। यदि जांच में यह साबित होता है कि यह पोस्ट मैंने किया है तो मैं कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हूं, लेकिन यदि मेरी भूमिका इसमें फर्जी पाई जाती है तो अरुण राजभर पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए।”
सियासी बयानबाजी तेज
मामले को लेकर बलिया जिले में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक ओर जहां सुभासपा समर्थक इसे गंभीर साजिश मान रहे हैं, वहीं करणी सेना के समर्थक इसे राजनीतिक स्टंट बता रहे हैं। फिलहाल पुलिस की जांच और साइबर सेल की रिपोर्ट पर ही यह स्पष्ट होगा कि धमकी के पीछे कौन है और इसके पीछे क्या मकसद था। पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और जो भी सच्चाई होगी, वह जल्द सामने लाई जाएगी।

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