
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मिजोरम की डम्पा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि केंद्रीय चुनाव समिति ने हाल ही में भाजपा में शामिल हुए लालमिंगथांगा को उम्मीदवार बनाया है।
यह सीट 21 जुलाई को मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) के विधायक लालरिन्त्लुआंगा के निधन के बाद खाली हुई थी। हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक उपचुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होगा।
चतुष्कोणीय मुकाबले की संभावना
डम्पा सीट पर इस बार चतुष्कोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। सत्तारूढ़ जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) और मुख्य विपक्षी एमएनएफ पहले ही अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर चुके हैं। एमएनएफ ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री आर. ललथंगलियाना को मैदान में उतारा है, जबकि जेडपीएम ने जाने-माने मिजो गायक वनलालसैलोवा को टिकट दिया है।
दूसरी ओर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष लाल थंजारा ने उम्मीद जताई है कि कांग्रेस इस सीट पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने दावा किया कि डम्पा के लोग कांग्रेस पर भरोसा करते हैं, जिसने राज्य पर लंबे समय तक शासन किया है। उनका मानना है कि इस जीत से 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की संभावनाएं मजबूत होंगी।
लाल थंजारा ने यह भी कहा कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार से लोग निराश हुए थे और अब सत्तारूढ़ जेडपीएम की कार्यप्रणाली कांग्रेस की वापसी का मार्ग प्रशस्त कर रही है।
अल्पसंख्यक आबादी की भूमिका महत्वपूर्ण
बांग्लादेश की सीमा से सटा डम्पा विधानसभा क्षेत्र अपनी जातीय विविधता के लिए जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में चकमा और रींग (ब्रू) जैसी अल्पसंख्यक जनजातियां निवास करती हैं। इन समुदायों के वोटों की भूमिका इस उपचुनाव के नतीजों को तय करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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