
उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र अगस्त के पहले सप्ताह में बुलाए जाने की तैयारी है। इस सत्र की अवधि लगभग एक सप्ताह तय की गई है। सत्र में बजट के बाद जारी अध्यादेशों को विधेयक के रूप में पारित कराने के साथ कुछ नए विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। सरकार की प्राथमिकता इस सत्र को प्रभावी और व्यवस्थित ढंग से संपन्न कराने की है।
विधायकों की निगरानी के लिए लगे एआई कैमरे
इस बार विधान भवन में तकनीकी नवाचार की शुरुआत भी की जा रही है। मुख्य मंडप में फेस रिकग्निशन तकनीक से युक्त आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कैमरे लगाए जा रहे हैं। इन कैमरों के माध्यम से विधायकों की उपस्थिति अपने आप दर्ज हो जाएगी। साथ ही, यह कैमरे सदन में विधायकों की गतिविधियों, बोलने की अवधि और अनुशासन व्यवहार पर नजर रखेंगे।
शीतकालीन सत्र से पूरी तरह होगा सक्रिय
फिलहाल इन कैमरों को परीक्षण के तौर पर लगाया गया है, लेकिन शीतकालीन सत्र से इनका पूर्ण उपयोग शुरू हो जाएगा। इसके जरिए एक क्लिक में यह जानकारी मिल सकेगी कि कौन विधायक कब और कितनी देर तक बोला। इससे नियमों के उल्लंघन और अनुशासनहीनता की पहचान आसान होगी। साथ ही, “सर्वश्रेष्ठ विधायक” के चयन की प्रक्रिया भी अधिक पारदर्शी बन सकेगी।
विधान भवन को मिल रहा नया रूप
मानसून सत्र से पहले विधान सभा के मुख्य मंडप की साज-सज्जा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। मंडप में नया झूमर लगाया गया है। इसके अलावा कार्य मंत्रणा समिति और सर्वदलीय बैठक के लिए उपयोग होने वाले कमरा नंबर 15 को भी नया स्वरूप दिया गया है।
शुरू होगा विधानसभा का पाडकास्ट
इस सत्र से विधानसभा सचिवालय एक नया पाडकास्ट शुरू करेगा। इसमें विधायकों के साक्षात्कार और उनके विचार शामिल होंगे। इसे इंटरनेट मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाया जाएगा, जिससे आम जनता अपने जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली को और बेहतर तरीके से जान सकेगी।
विधानसभा अध्यक्ष का बयान
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि हर बार विधान भवन में कुछ नया और सकारात्मक बदलाव देखने को मिलता है, और यह सत्र भी उसी दिशा में एक और कदम होगा।

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